
इधर ब्रसेल्स से खबर आ रही है कि जिस तरह से भारतीय जवानों ने घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिकों को जवाब दिया उसके बाद चीन में बौखलाहट है। भारत और चीन के बीच डोकलाम पठार पर जारी सैन्य संघर्ष सिर्फ तीन देशों के बीच सीमित नहीं रह गया है। वैश्विक स्तर पर भी नेताओं ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। यूरोपियन यूनियन (ईयू) के उपाध्यक्ष ने अपने एक लेख में कहा है कि सिक्किम सीमा पर डोकलाम क्षेत्र में भारत की इतनी कड़ी प्रतिक्रिया का अंदाजा चीन को नहीं था।
ऐसी उम्मीद चीन ने कभी नहीं की थी
अरेसार्द चारनियेत्सकी ने अपने एक लेख में यह टिप्पणी की है कि, 'जिस तरह से सिक्किम के डोकलाम पर भारत ने चीन को जवाब दिया है उसकी उम्मीद चीन ने कभी नहीं की थी। उसे इस बात का अनुमान नहीं था कि उसकी आक्रामकता का भारत ऐसा मुंहतोड़ जवाब देगा।
चीन को भरोसा था, डोकलाम में सड़क निर्माण पूरा कर लेगा
उन्होंने लिखा कि 'भारत ने मजबूत तरीके से भूटान की सीमा की रक्षा करते हुए चीन को डोकलाम में सड़क बनाने से रोका है।' उन्होंने कहा कि चीन यह मानकर चल रहा था कि भूटान उसके इस कदम का सेना के जरिए विरोध नहीं जताएगा। उसे भरोसा था कि डोकलाम में वह सड़क का निर्माण कुछ सप्ताह में कर लेगा, जिससे उसे बड़ा रणनीतिक फायदा मिलता।
चीन को नियमों का पालन करना होगा
उपाध्यक्ष ने कहा कि चीन को नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने अंत में लिखा है कि चीन को अब यह बात समझनी होगी कि इसकी आर्थिक और सैन्य तरक्की जरूर होनी चाहिए लेकिन इसे अंतराष्ट्रीय नियमों का सम्मान करना होगा।