
एक इवेंट विद्या कहती हैं, 'मैं इस विवाद से जुड़े लोगों का सम्मान करते हुए यह कहती हूं कि भाई-भतीजावाद के इस विवाद से मैं ऊब गई हूं। कौन किस पक्ष में हैं, किसका क्या कहना है? मैं इस विषय और बात से बोर हो गई हूं। अखबार पढ़ते वक्त अगर मुझे वह शब्द किसी पन्ने में दिख जाता है तो मैं अखबार का वह पन्ना पलट देती हूं।'
विद्या आगे कहती हैं, 'अब एक ही बात को लेकर क्या बार-बार बहस करना, यह बहस हो चुकी है कुछ महीनों पहले। अब एक बार फिर से वही बहस शुरू हो गई। मुझे इस बात पर कोई दिलचस्पी नहीं हैं। मुझे माफ करें।'