
यह जानकारी मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटेर (भिंड) विधायक हेमंत कटारे द्वारा लगाए गए सवाल के लिखित जवाब में दी। मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राजपत्रित व अराजपत्रित पुलिस अधिकारियों के फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के निर्देश दिए गए थे।
इसी आदेश के पालन में छानबीन समिति गठित कर जांच कराई गई। जांच में आगर पुलिस अधीक्षक रघुवीर सिंह मीना सहित 12 पुलिस अधिकारियों के जाति प्रमाण-पत्र निरस्त कर दिए गए। इसके बाद भी कार्रवाई का मामला सीएम ने विभाग पर टाल दिया है। उन्होंने बताया है कि यह जिम्मा विभाग के नियोक्ता अधिकारियों का है।
इनके प्रमाण पत्र हुए हैं निरस्त
गीता निषाद-सतना, फूलचंद यादव-भोपाल, लखनलाल मीना-होशंगाबाद, चेतराम मीना-विदिशा, रामकुमार मीना-होशंगाबाद, महेन्द्र सिंह मीना-विदिशा, बाबूलाल मीना-विदिशा, मदन कुमार मीना-विदिशा, गोवर्धन राजपूत-भोपाल, रघुवीर सिंह मीना-विदिशा (पुलिस अधीक्षक जिला आगर), अमृतलाल मीना-विदिशा, रमेश चंद्र आर्य-मंदसौर।