मैने सिर्फ ट्रॉफी बांटी थी, वोट नहीं मांगे थे: कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर। विधानसभा चुनाव के दौरान मोहर्रम के कार्यक्रम में भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने मंच से लोगों को मेडल और ट्रॉफी बांटी थी। उनके विरोधी प्रत्याशी अंतर सिंह का आरोप है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है। हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान कैलाश विजयवर्गीय की ओर से बताया गया कि उन्होंने सिर्फ मेडल और ट्रॉफी बांटी थी। मंच से वोट की अपील नहीं की थी। वो कार्यक्रम में अधिकृत आमंत्रित अतिथि भी नहीं थे। वो कार्यक्रम स्थल से गुजर रहे थे तभी आयोजकों ने उन्हे रोक लिया और मंच पर बुला लिया। 

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और महू विधायक कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर चुनाव याचिका में मोहर्रम के मुद्दे पर विजयवर्गीय की ओर से बहस खत्म हो गई। उनकी ओर से कहा गया कि उनका कार्यक्रम में शामिल होना पहले से तय नहीं था। वे उस क्षेत्र से गुजर रहे थे। मंच पर बैठे लोगों ने उन्हें देखा और मेडल और ट्रॉफी बांटने के लिए मंच पर ले गए। याचिकाकर्ता के पास मोहर्रम कार्यक्रम की सीडी थी, लेकिन इसे जानबूझकर कोर्ट में पेश नहीं किया गया। 

विजयवर्गीय के खिलाफ यह चुनाव याचिका महू से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अंतरसिंह दरबार ने दायर की है। उनकी ओर से जुलाई के दूसरे सप्ताह में ही बहस पूरी कर ली गई। याचिकाकर्ता का कहना है विजयवर्गीय ने मोहर्रम के कार्यक्रम में शामिल होकर मंच से मेडल और ट्रॉफी बांटी थी। यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। इधर विजयवर्गीय का कहना था उन्होंने मंच से मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट करने की कोई अपील नहीं की थी। ऐसे में इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।

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