ग्वालियर। एक तरफ तो अब जीवाजी यूनिवर्सिटी की अध्ययनशालाओं में संचालित सेल्फ फाइनेंस कोर्स वाले विभागों को खुद की कमाई से सामान खरीदना होगा। जेयू प्रशासन मदद नहीं करेगा। इस तरह का निर्णय रेक्टर प्रो. आरजे राव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शुक्रवार को हुआ। दूसरी तरफ जीवाजी यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही छात्रों पर भारी पड़ रही है। ऐसे छात्र, जो परीक्षा में पास हैं, उनकी भी मार्कशीट देने में अफसर व कर्मचारी आनाकानी कर रहे हैं।
मार्कशीट नहीं मिलने पर छात्रों ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की है। निराकरण नहीं करने पर एल 3 यानी रजिस्ट्रार लेवल तक शिकायत पहुंच चुकी है। इस मामले काे लेकर शुक्रवार को आयोजित टाइम लिमिट की मीटिंग में रजिस्ट्रार प्रो. आनंद मिश्रा ने नाराजगी जाहिर की। छात्रों का कहना है कि उनके रिजल्ट क्लियर हैं फिर भी मार्कशीट क्यों अटका दी गई, इसका जवाब अफसर नहीं दे रहे। सीएम हेल्पलाइन में ऐसे प्रकरणों की संख्या 52 है।
बैठक में सांख्यिकी अधिकारी प्रदीप शर्मा ने कहा, ऐसे छात्रों की शिकायतों का भी निराकरण नहीं किया जा रहा, जिनके रिजल्ट का रिकॉर्ड जेयू में नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों को औसत अंक देकर उनके रिजल्ट क्लियर करना चाहिए तभी सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण हो पाएगा। इस पर गोपनीय विभाग के सेक्शन ऑफिसर आरके शर्मा ने कहा कि यदि औसत अंक दिए तो ऐसे छात्रों की जेयू में लाइन लग जाएगी। हालांकि जेयू द्वारा कॉपियां खोने या रिजल्ट का रिकॉर्ड गुम करने पर छात्रों को आैसत अंक देने का प्रावधान है।
जेबीआईटी से पीजीडीसीए करने वाली छात्रा का रिजल्ट क्लियर है। लेकिन मार्कशीट अब तक नहीं मिली। इसी तरह बीए के छात्र रामचरण ने शासकीय मेहगांव कॉलेज से बीए की परीक्षा पास की है लेकिन मार्कशीट के लिए अब छात्र जेयू के चक्कर काट रहा है। उसने सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की है।
अभी सेल्फ फाइनेंस कोर्स वाले विभागों को जो भी सामान की जरूरत होती थी, वह जेयू के स्टोर से जाता था लेकिन अब स्टोर से सामान देने से इनकार कर दिया गया है। अफसरों ने कहा कि सभी विभाग स्टाक वेरीफिकेशन कराएं। उनकी उपस्थिति का रिकॉर्ड रजिस्ट्रार के पास भेजा जाएगा।