
कंट्रोल रूम के निगरानी कक्ष में 18 फीट लंबी और 12 फीट चौड़ी स्क्रीन पर शहर के 125 चौराहों को एक साथ देखा जा सकता है। इन चौराहों पर 625 पीटीजेड कैमरे लगाए गए हैं। 6 अन्य चौराहों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉगनाइजर लगाए गए हैं, जो वाहनों की नंबर प्लेट को स्पष्ट दिखाएंगे। 2 चौराहों पर यह शुरू हो चुके हैं, 4 चौराहों पर जल्द ही यह शुरू कर दिए जाएंगे। 24 घंटे काम करेगा यह कंट्रोलरूम निगरानी कक्ष में 3 शिफ्टों में 10-10 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। इनकी मॉनीटरिंग के लिए 1 इंस्पेक्टर तैनात किया गया है। इस कंट्रोलरूम में वायरलेस, बम डिस्पोजल स्क्वाड अब एक ही छत के नीचे यूनीफाइड कंट्रोल रूम में अपराधियों को पकड़ने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी सुविधाएं अब एक छत के नीचे हैं इसकी वजह से अब जल्द कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
पहले सिटी सेंटर पर कंट्रोल रूम था, पुलिस फोर्स 6 किलोमीटर दूर डीआरपी लाइन में रहता था, बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाड भी यहीं पर स्थित था। डॉग स्क्वाड कोतवाली से और वायरलेस सिस्टम कंपू से ऑपरेट होता था। अब सभी लोग एक साथ बैठेंगे । सिटी सेंटर के एसपी दफ्तर एरिया में 2142 वर्ग मीटर में बनाई गई नयी बिल्डिंग अब पुलिस का कंट्रोलरूम होगा। पूरे शहर में निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों के वीडियो कंट्रोलरूम में लाइव देखे जा सकेंगे। इस बिल्डिंग की लागत 4.5 करोड़ रुपए आई है।