जेटली ने कहा: आयकर की दरें कम हो सकतीं हैं, बशर्ते...

नई दिल्ली। आयकर (इनकम टैक्स) की दरें कम हो सकती है। खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि यहां पर शर्त ये है कि आयकर देने वालों की तादाद बढ़ने पर ही ये मुमकिन हो सकेगा। दूसरी ओर जेटली ने निजता की आड़ में आधाऱ को पैन से जोड़ने में आनाकानी करने वालों को भी आड़े हाथों लिया। आयकर व्यवस्था की शुरुआत होने के 157 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भविष्य का खाका खींचा। 

उन्होंने कहा कि तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होगा। प्रक्रियाएं ज्यादा सरल व सहज होंगे। “साथ ही हमारी कोशिश दरों (आय़कर की दर) को न्यायोचित बनाने को होगी”, उन्होंने कहा। हालांकि ये तभी संभव होगा, जब टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स देने वालों की आबादी में शामिल होंगे।

वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश में इनकम टैक्स असेसी की संख्या 6.26 करोड़ तक पहुंच गयी है। इस संख्या में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को साथ वो सभी लोग शामिल हैं जिन्हें भुगतान टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) के बाद मिलता है और वो भी जो खुद ही टैक्स जमा कराते हैं। इसी के साथ ये धाऱणा भी खारिज कर दी गयी है कि देश में आयकरदाताओं की संख्या 3-3.5 करोड़ के करीब है। सरकार को 2016-17 में प्रत्यक्ष कर (इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स और सिक्यूरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स) की बदौलत 8.47 लाख करोड़ रुपये की आमदनी हुई जबकि चालू कारोबारी साल यानी 2017-18 के दौरान करीब 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।

ध्यान रहे कि देश में आयकर की व्यवस्था पहली बार संगठित तौर पर 24 जुलाई 1860 को जेम्स विलसन ने शुरु की थी। उस समय आयकर से कमाई महज 30 लाख रुपये थी। इसी दिन को आय़कर विभाग हर साल आयकर दिवस के रुप में मनाता है जिसे पहली बार इस साल बड़े पैमाने पर सरकारी आयोजन का रुप दिया गया।

आधार-पैन
इस मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 10 अंकों वाले परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन को 12 अंकों वाले विशिष्ट पहचान संख्या यानी आधार से जोड़े जाने के मामले को भी उठाया. दरअसल, संसद से मंजूरी मिलने के बाद पहली जुलाई से इनकम टैक्स रिटर्न और पैन के आवेदन में आधार का जिक्र करना जरुरी कर दिया गया है. इसके लिए 30 जून तक आधार को पैन से जोड़ने की भी सुविधा दी गयी थी. हालांकि पहले कहा गया था कि जो लोग अपने पैन को आधार से नहीं जोड़ेंगे, उनका पैन 31 दिसम्बर के बाद रद्द समझा जाएगा. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये शर्त हटा ली गयी. यानी जिनके पास आधार है और जो आधार पाने के योग्य हैं, उन्हे अपने रिटर्न में आधार या फिर आधार के लिए किए गए आवेदन की संख्या देनी होगी.

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल 32.41 करोड़ पैन और 113 करोड़ आधार जारी किए गए हैं, लेकिन अभी केवल 8.19 करोड़ आधार ही पैन से जोड़े जा सके हैं. जेटली ने कहा कि पैन को आधार से जोड़ने का मकसद टैक्स चोरी पर लगाम लगाना है, खर्चों पर नजर रखना है और रिटर्न में घोषित आय की पड़ताल करनी है. लेकिन निजता की आड़ में लोग इस प्रावधान पर अमल नहीं कर रहे हैं.

इलेक्टोरल बांड
जेटली ने ये भी साफ किया कि राजनीतिक दलों के लिए पैसा देने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए प्रस्तावित इलेक्टोरल बांड को लेकर राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे गए. लेकिन अभी तक किसी ने सुझाव नहीं दिए हैं. वित्त मंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि ऐसे में सरकार हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी रहेगी. अब जब वो फैसला करेगी, वो बाद में कानून बन जाएगा.

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