
बता दें कि घर का सपना संजोकर बैठे लोग लंबे समय से अटके प्रोजेक्ट के चलते परेशान हैं, उन्हें न अपने जमा किए पैसे मिल रहे हैं और न ही बिल्डरों द्वारा अब तक पजेशन मिल सका है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बिल्डर्स को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि बायर्स को जल्द फ्लैट नहीं देते तो बिल्डरों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा। इस समय रियल एस्टेट कारोबारियों के सामने विश्वास पर खरा उतरने की बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कनफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डिवेलपर्स एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया (क्रेडाई) द्वारा आयोजित सम्मेलन में कहा, ‘रियल एस्टेट क्षेत्र द्वारा योजनाओं को आधा-अधूरा छोड़ देना सबसे बड़ा संकट है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में यही समस्या सामने आ रही है। लगभग डेढ़ लाख खरीदारों को धनराशि अदा करने के बाद भी घर नहीं मिल पा रहा है। इससे विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है। प्रदेश सरकार के प्रयास पर कुछ बिल्डरों ने सकारात्मक रुख अपनाया और आवास देने की समयसीमा तय कर दी, जबकि कुछ बिल्डर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। संवाद से रास्ता न निकलने पर प्रदेश सरकार को सख्त कदम उठाना पड़ेगा। सरकार की अपील है कि कार्रवाई की स्थिति न उत्पन्न हो।’
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर लोग बिल्डरों के ऑफिस के सामने नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे हैं। नई सरकार बनने के बाद बिल्डरों और ग्राहकों की कई दौर की बैठक हुई है, लेकिन बायर्स का कहना है कि बिल्डरों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक आम्रपाली बिल्डर्स के प्रोजेक्टों में हजारों की संख्या में लोगों के पैसे फंसे हैं।