
दिल्ली की 22 वर्षीय रेशमा (परिवर्तित नाम) अपने रिश्तेदार के यहां गोहद आई थी। रास्ते में उसकी मुलाकात सावित्रीबाई नामक एक महिला से हुई। सावित्रीबाई ने उसे अपने घर पर रुकने का आसरा दिया। इसके बाद शातिर महिला सावित्रीबाई ने उस महिला को अपने प्रेमी जगदीश पांडा के हवाले कर दिया।
जगदीश महिला के साथ चार दिन तक जबरन बलात्कार करता रहा। महिला को घर में ही बंधक बनाकर रखा गया। एक रोज पहले महिला जैसे तैसे छूटकर थाने पहुंची और उसने अपने साथ हुई पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस पीड़िता की कहानी सुनकर हैरान हो गई और महिला की रिपोर्ट पर जगदीश पंडा और उसकी प्रेमिका सावित्रीबाई के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इस घटना के बाद से दोनों ही प्रेमी और प्रेमिका फरार हैं।