CAR में WIFE की लाश लेकर घूम रहा था अध्यापक, गिरफ्तार

राजेश सूरी/भोगपुर। कस्बे के राजपुर गांव में कार में पत्नी की लाश रखकर घूम रहे सरकारी अध्यापक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को जानकारी मिली थी कि वह अपनी पत्नी की लाश को खुर्द बुर्द करने के लिए निकला है। महिला के परिवार ने दहेज के लिए पति पर मारने का आरोप लगाया है। पुलिस ने धारा 304 के तहत केस दर्ज कर महिला की मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है। कपूरथला की रहने वाली मंदीप कौर (30) की शादी राजपुर के सरकारी अध्यापक तजिंदर सिंह के साथ 2011 में हुई थी। दोनों के दो बेटे हैं। मंदीप के भाई नवदीप सिंह ने बताया कि शादी के वक्त तजिंदर को दहेज का सारा सामान समेत आल्टो कार दी गई थी, लेकिन तंजिदर व उसका परिवार इससे खुश नहीं था। 

तजिंदर शादी के बाद से लगातार स्विफ्ट कार की मांग करता था। आरोप है कि इसे लेकर वह लगातार घर में गाली गलौज और मंदीप से मारपीट करता था। इसे लेकर 2014 में मंदीप ने वूमेन हेल्पलाइन 181 पर शिकायत भी की थी। इस पर दोनों पक्षों में थाने में राजीनामा हो गया था। तजिंदर ने माफी भी मांगी थी, लेकिन इसके बाद भी उसने परेशान करना नहीं छोड़ा था।

एसपी डी बलकार सिंह के मुताबिक सोमवार दोपहर गांव के ही एक युवक ने तजिंदर को मंदीप की लाश को कार के अंदर रखकर जाते हुए देखा था। उसे आशंका थी कि वह लाश को बिना किसी को बताए खुर्द बुर्द करना चाहता है। इस पर उसने मंदीप के घरवालों और पुलिस कंट्रोल में सूचना देकर कार का नंबर (पीबी-09 एन-7811 ) बताया था। सतर्क हुई भोगपुर पुलिस ने मामले में नाकाबंदी करते हुए नंबर मैसेज करा दिया। नाकाबंदी के दौरान कार के पीछे की ओर से मंदीप कौर की लाश बरामद हुई तो पुलिस ने अध्यापक को तुंरत हिरासत में ले लिया। मंदीप की मौत के बारे में पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। मंदीप का पोस्टमार्टम के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। वहीं घरवालों के बयान लेकर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल तजिंदर सिंह पुलिस हिरासत में है।

पुलिस ने फोन किया तो बोला-पत्नी मर गई है लाश लेकर आ रहा हूं
कंट्रोल रूम से मैसेज भोगपुर पुलिस के पास पहुंचते ही एसएचओ सुरजीत सिंह ने तजिंदर सिंह को फोन किया। पुलिस का फोन सुनते ही तजिंदर ने कहा कि पत्नी मंदीप की तबियत खराब थी, इसलिए वह उसे लेकर निजी अस्पताल गया था, लेकिन वहां मौत हो गई। इसलिए अब वह लाश लेकर घर जा रहा है। हालांकि पुलिस ने जब पूछा कि तबियत खराब थी तो वह अकेला क्यों निकला? इस पर वह जवाब नहीं दे सका।

मंदीप की मौत के वक्त घर में मौजूद थी ननद व उसकी बेटी
गांव वालों का कहना है कि मंदीप की लाश को लेकर जब तजिंदर कार में डाल रहा था, तब घर के बाहर मंदीप की ननद और उसकी बेटी खड़ी थीं। अगर तबीयत खराब होती तो ननद या उसके अन्य रिश्तेदार साथ में जा सकते थे।

ढाई लाख देने के बाद भी नहीं माने ससुराली, आखिर मार ही दिया
महिला के मायका परिवार का कहना है कि मंदीप कौर एमए बीएड पढ़ी थी, लेकिन ससुराल परिवार नौकरी के खिलाफ था। उसे घर में ही कैद करके रखा जाता था। मंदीप के दो बेटे पांच व तीन साल के हैं। मृतका की माता का कहना है कि वह बेटी का सारा खर्च वहन करती थी और ससुराल वालों की मांग पर बेटी को ढाई लाख रुपये भी दिए थे। आखिर में उन्होंने उनकी बेटी को मार ही दिया।

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