
नरोत्तम ने यहां चुनाव आयोग की ही आलोचना कर डाली। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जिस तरह का फैसला दिया है, उससे हिंदुस्तान की राजनीति में विसंगति आएगी। कोई भी किसी के भी नाम से फर्जी अपील छपवाएगा, अखबार में विज्ञापन देगा और फिर आयोग में शिकायत करेगा। वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने यहां तक कह डाला कि आयोग विकास के काम को रोक रहा है। मिश्रा ने कहा कि आयोग विकास के काम को तो रोक सकता है, लेकिन हमारे सेवाभाव को नहीं। भले ही विधायक न रहूं, लेकिन दतिया की सेवा करता रहूंगा।
आयोग को अधिकार है या नहीं
नरोत्तम मिश्रा के दावे पर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने कहा कि मंत्री का दावा गलत है। पीपुल रिप्रेजेंटेटिव एक्ट की धारा 10(ए) में चुनाव आयोग को अर्द्ध न्यायिक अधिकार दिए गए हैं। इसका मतलब है कि पेड न्यूज के मामले में अयोग्य घोषित करने का अधिकार चुनाव आयोग को ही है। अन्य मामलों में मामला राज्यपाल के पास जाता है।