
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य के धार, रतलाम, इंदौर, उज्जैन, राजगढ़, आगरमालवा, शाजापुर और मालवांचल के अन्य जिलों में पिछले तीन दिनों से किसानों के आंदोलन के बीच कुछ स्थानों पर सड़क पर दूध बहाने और सब्जियों की आपूर्ति रोकने की सूचनाएं मिली हैं। राज्य सरकार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है और संबंधित जिला प्रशासन से एहतियातन सभी आवश्यक उपाय करने तथा कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए और अधिक सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
शहर में तीसरे दिन दूध, फल और सब्जी तुलनात्मक रूप से महंगे दामों पर पहुंच रही हैं। प्रदेश के कुछ शहरों में एहतियातन अतिरिक्त पुलिस बल के साथ ही त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के जवानों को भी तैनात किया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर प्रदेश के सभी पुलिस थाने सचेत हो गए हैं।
भारतीय किसान सेना के जगदीश रावलिया के अनुसार वे पूर्व निर्धारित योजना अनुसार 1 जून से 10 जून तक लगातार विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि फल, सब्जी और दुग्ध व्यवसाय से जुड़े किसानों को न्यूनतम निर्धारित मूल्य बढ़ाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करवाने की मुख्य मांग को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है। इसके साथ ही किसान चना, गेंहूं, सोयाबीन और समस्त दालों का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।