मध्यप्रदेश में GST संबंधी अधिसूचनाए जारी, व्यापारियों के जरूरी सभी जानकारियां पढ़ें

भोपाल। MP में एक जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी के संबंध में सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। इसके लिये GST Act में कार्य करने के लिये विभागीय अधिकारियों को अधिकृत किये जाने संबंधी अधिसूचना 22 जून को जारी कर दी गई है। जारी अधिसूचना में धारा-3 के अनुसार वाणिज्यिक कर विभाग में कार्यरत अधिकारियों को विधान एवं नियम संबंधी कार्यवाही करने के लिये नियुक्त किया गया है। जीएसटी व्यवस्था से संबंधित अन्य अधिसूचनाएँ भी वाणिज्यिक कर विभाग ने जारी की हैं।

विवरण-पत्र प्रस्तुत करने संबंधी नियम एवं प्रावधान भी 22 जून से प्रभावशील किये गये हैं। अब समस्त विवरण-पत्र ऑनलाइन प्रस्तुत किये जायेंगे। विवरण-पत्र मासिक आधार पर प्रस्तुत करना होगा, जो आगामी माह की 10 तारीख तक दिया जायेगा। इसका सत्यापन आगामी 15 तारीख तक अन्य दूसरे विक्रेता व्यवसायी द्वारा किया जायेगा। एक वार्षिक विवरण-पत्र भी वर्ष के अंत में प्रस्तुत किया जायेगा। ऐसे व्यवसायी जो कम्पोजिशन धारक हैं, वे मासिक विवरण-पत्र के स्थान पर त्रैमासिक विवरण-पत्र प्रस्तुत करेंगे। विवरण-पत्र में क्रय-विक्रय और सर्विस प्रदाय की जानकारी दी जायेगी।

जीएसटी के अंतर्गत सभी कार्य ऑनलाईन होंगे। इसके लिये एक कॉमन पोर्टल 'GSTN' कार्य करेगा। इस पोर्टल को जीएसटी काउंसिल ने अनुमति प्रदान की है। वेबसाइट www.gst.gov.in के नाम से है। यह वेबसाइट भारतीय कम्पनी अधिनियम की धारा-8 के अंतर्गत पंजीकृत है। इस पोर्टल के माध्यम से पंजीयन, कर का भुगतान, विवरणी प्रस्तुत करना तथा बिल इत्यादि जारी किये जा सकेंगे। यह पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित है और इसमें दर्ज सभी व्यवसाइयों की जानकारी सुरक्षित रहेगी।

75 लाख से कम वार्षिक आय वालों के लिए 
धारा-10 के अंतर्गत कम्पोजीशन सुविधाएँ व्यवसाइयों को प्रदान की जायेंगी। यह सुविधा ऐसे व्यापारी अथवा निर्माता को मिलेंगी, जिनकी वार्षिक आय 75 लाख रूपये से अधिक नहीं हो। इस सुविधा के अंतर्गत व्यवसायी कुल विक्रय का एक प्रतिशत, निर्माता दो प्रतिशत तथा रेस्टोरेंट संचालक 5 प्रतिशत कर जमा कर सकेंगे। अन्य सेवा कर में कार्य करने वाले व्यवसाइयों को यह सुविधा नहीं मिलेगी।

20 लाख से ज्यादा बिक्री वाले व्यापारियों के लिए 
पंजीयन संबंधी प्रावधान और नियम भी प्रभावी किये गये हैं। ऐसे व्यापारी जिनका वार्षिक विक्रय 20 लाख रूपये से अधिक है, उन्हें जीएसटी में पंजीयन कराना अनिवार्य है। किन्तु ऐसे व्यवसायी जो अंतर्राज्यीय व्यापार करते हैं अथवा कैजुअल डीलर हैं, उनके लिये बिक्री की सीमा 20 लाख रूपये न होकर कम होगी। इसके लिये उन्हें संबंधित क्षेत्र के वाणिज्यिक कर कार्यालय में ऑनलाईन आवेदन जमा करने होंगे। आवेदन के 3 दिन के भीतर पंजीयन प्रदाय किया जायेगा। पंजीयन नि:शुल्क है। 

जो अब तक GST में माइग्रेट नहीं हुए
पंजीयन प्राप्त करने के लिये पेन नंबर का होना जरूरी है। इसके अलावा सामान्य व्यवसाय संबंधी जानकारी, पता इत्यादि दिये जाना होगी। ऐसे व्यापारी जो वैट अधिनियम में पंजीकृत है, उन्हें जीएसटी में परिवर्तन कराना होगा। ऐसे व्यापारी जो अभी तक जीएसटी में माइग्रेट नहीं हुये है उनके लिये 25 जून से पुन: प्रक्रिया प्रारंभ होगी। वाणिज्यिक कर विभाग ने व्यवसाइयों को इस प्रक्रिया को अनिवार्य रूप से पूरा करने के लिये कहा है। जिससे उन्हें बचे हुए स्टॉक पर चुकाये गये कर की छूट प्राप्त हो सके।

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