AIIMS: अब लाइन नहीं लगेगी, डिजिटल टोकन मिलेंगे

भोपाल। एम्स भोपाल में मरीजों को जांच के लिए सुबह से कतार लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यहां जल्द ही नई व्यवस्था शुरू होने वाली है। अस्पताल को 'क्यू लेस' (बिना कतार वाला) बनाने के लिए डिजिटल टोकन जारी किए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के केबिन के बाहर भी मरीजों के टोकन डिस्प्ले होंगे, इसलिए यहां भी उन्हें कतार में नहीं लगना पड़ेगा। एम्स ने ऑनलाइन और ओपीडी क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लगाने व उसे चलाने के लिए आईटी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं। एम्स भोपाल के अधिकारियों ने बताया कि यह सिस्टम तीन चरणों में तैयार किया जाएगा। करीब तीन से चार महीने में ये सिस्टम शुरू हो जाएगा।

ऐसे ले सकेंगे ऑनलाइन टोकन
मरीज या उनके परिजन मोबाइल एप या फिर एम्स भोपाल की वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन टोकन ले सकेंगे। टोकन लेने के साथ ही उनके पास एसएमस भी पहुंच जाएगा। वे उसी दिन, अगले दिन या बाद के दिनों का टोकन ले सकेंगे। यह जानकारी अस्पताल के सेंट्रल सर्वर में एकत्र होगी। मरीज को अस्पताल आने का टाइम भी बता दिया जाएगा।

ऐसे चलेगा 'क्यू मैनेजमेंट' सिस्टम
1- बाहरी मरीजों के लिए : मरीज या परिजन एम्स की वेबसाइट, कियोस्क, एटीएम या मोबाइल एप के जरिए किसी भी दिन का टोकन ले सकेंगे। इस तरह उन्हें टोकन के लिए अस्पताल नहीं आना पड़ेगा।
2- टोकन कॉलिंग सिस्टम : ओपीडी काउंटर या ऑनलाइन टोकन ले चुके मरीजों के टोकन नंबर बुलाने के लिए ओपीडी काउंटर्स पर टोकन कालिंग सिस्टम लगाए जाएंगे।
3-डॉक्टर के क्लीनिक के बाहर क्यू मैनेजमेंट : ओपीडी रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज का टोकन नंबर डॉक्टर की क्लीनिक के बाहर लगे डिस्प्ले बोर्ड पर भेज दिया जाएगा। यहां भी टोकन नंबर डिस्प्ले किया जाएगा। साथ ही एनाउंसमेंट भी किया जाएगा।
4- डिस्प्ले सिस्टम : टोकन का डिस्प्ले अस्पताल के कॉरीडोर, कैंटीन, पार्किंग ओपीडी काउंटर में किया जाएगा। अस्पताल के बाहर बड़ी एलईडी लगाई जाएगी।

यह फायदे भी होंगे
ओपीडी में कितने मरीज आए, किस डॉक्टर ने कितने मरीज देखे, दिखाने में औसतन कितना समय लगा, यह रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी।
डिस्प्ले स्क्रीन में टोकन के अलावा दूसरी जानकारी भी दी जा सकेगी।
एम्स की लोकशन और रूट भी मरीजों को बताया जा सकेगा।
मरीज हिंदी या अंग्रेजी किसी भी भाषा को चुन सकेंगे। वे विभागवार उपलब्ध डॉक्टरों के नाम भी देख सकेंगे।
 मरीज मोबाइल एप के जरिए देख सकेंगे कि किस डिपार्टमेंट में किस नंबर का टोकन बुलाया जा रहा है।

अभी यह आ रही परेशानी
टोकन के लिए सुबह से ही मरीजों की कतार लग जाती है। कई मरीजों को उस दिन के लिए टोकन नहीं मिलने पर उन्हें अगले दिन आना पड़ता है। ओपीडी में टोकन डिस्प्ले सिस्टम है। नंबर आने पर मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है। डॉक्टर के क्लीनिक के बाहर डिस्प्ले और एनाउंसमेंट का कोई सिस्टम नहीं है।
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एम्स को क्यू लेस अस्पताल बनाना है। इसका मकसद यह है कि अस्पताल में मरीजों को वेटिंग टाइम कम हो सके। तीन चरणों में यह काम किया जाएगा।
डॉ. केसी तामड़िया, अधीक्षक, एम्स भोपाल

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