9वीं पास ठग के जाल में फंसे MBBS डॉक्टर, 60 हजार की ठगी

Bhopal Samachar
इंदौर। मोबाइल फोन की ऑनलाइन खरीदी के नाम पर नौवीं पास बदमाश ने एक एमबीबीएस डॉक्टर से 60 हजार रुपए ठग लिए। डॉक्टर को जब पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है तो उन्होंने साइबर सेल में शिकायत की। साइबर सेल पुलिस ने ठग को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। यहां शनिवार को इंदौर लाकर उससे पूछताछ की जा रही है। साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह के अनुसार, 23 मई को डॉ. ब्रजेश तिवारी मोबाइल पर अलीबाबा एप्लीकेशन देख रहे थे। वह मोबाइल खरीदना चाह रहे थे। पोर्टल पर एक सेलर का लिंक मिला। उसे क्लिक किया तो ई-मेल व स्काइप आईडी आया। ई-मेल पर तिवारी की बातचीत सेलर से हुई। उसने 300 यूएस डालर में तीन मोबाइल फोन देने का लालच दिया। आकर्षक ऑफर देखकर तिवारी उसकी बातों में आ गए। उन्होंने मोबाइल व कस्टम क्लियरेंस के 60 हजार रुपए (900 यूएस डॉलर) खाते में डाल दिए।

रुपए दो अलग-अलग खातों में बैंकिंग एप के माध्यम से ट्रांसफर किए गए। उसके बाद जब सेलर ने उन्हें मोबाइल उपलब्ध नहीं कराया तो डॉक्टर साइबर सेल पहुंचे। जांच के बाद पाया कि दिल्ली के किशनगंज इलाके की एचडीएफसी बैंक में रुपए ट्रांसफर हुए हैं। बैंक से संपर्क किया तो पता चला कि खाते का मालिक मुकीम खान निवासी तुगलकाबाद दिल्ली है। बैंक प्रबंधन को घटना के बारे में बताया गया।

प्रबंधन ने खाता फ्रीज कर दिया। जब मुकीम रुपए लेने पहुंचा तो दिल्ली पुलिस की मदद से उसे पकड़ लिया गया। उसके पास से चेकबुक, पैनकार्ड, आधार कार्ड व वोटर कार्ड जब्त किए गए हैं। मुकीम को शनिवार को इंदौर लाया गया। यहां उससे पूछताछ की जा रही है।

मुकीम मूलतः कन्नौज (यूपी) का है। वह एंब्रॉइडरी का काम करता है। उसी की आड़ में गैंग के अन्य सदस्य कमल व इस्माइल के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी भी करता है। ढाई साल से वह गैंग के साथ है। इन ढाई साल में मुकीम के खाते में 35 लाख रुपयों का ट्रांजैक्शन हुआ।

मुकीम तो मोहरा है, मास्टरमाइंड कोई और
अब तक की जांच में पता चला है कि मुकीम सिर्फ मोहरा है। मास्टरमाइंड कोई और है। दिल्ली में बैठे-बैठे वे लोग ऑनलाइन ठगी करते हैं। मुकीम जैसे लोगों को गिरोह में इसलिए शामिल किया जाता है कि वह उनके खाते में रुपए डलवा सकें। मुकीम की तरह गैंग के अन्य मोहरे कमीशन पर काम करते हैं। उनके खाते में रुपए आते ही वह उसे लेने के लिए बैंक पहुंच जाते हैं। उन रुपयों को निकालकर वह दूसरे सदस्यों तक पहुंचाते हैं, जो रुपए उनके खाते में आए उस रकम का तीन से चार प्रतिशत कमीशन मुकीम को दे दिया जाता है।
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