
बता दें कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का गठन 2002 में RSS के तत्कालीन प्रमुख केएस सुदर्शन के प्रयासों के बाद किया गया था, इसका मकसद मुस्लिम समाज के लोगों तक संघ की पहुंच बनाना है। बता दें कि इस बार 26 या 27 मई से रोजे की शुरुआत होने वाली है। महिराज ध्वज सिंह ने कहा कि इफ़्तार में दूध और दूध से बने सामान पर जोर दिया जाएगा। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुताबिक मुस्लिम विद्वान भी मानते हैं कि गाय का दूध सेहत के लिए फायदेमंद है और दूध से बना घी दवा के जैसा काम करता है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का कहना है कि रमजान के दौरान गाय को बचाने का संदेश देने के लिए विशेष नमाज भी पढ़ा जाएगा।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का कहना है कि इस दौरान देश की एकता और अखंडता के लिए भी नमाज पढ़ा जाएगा। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इस पहल का पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष वसीम रैनी ने स्वागत किया है। लखनऊ स्थित पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष का कहना है कि अगर रोजा तोड़ने के लिए दूध से बनी मिठाइयां जैसे की पेड़ा वगैरह का इंतज़ाम किया जाता है तो हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है। उनका मानना है कि आरएसएस की पहल हिन्दू और मुस्लिम समाज के बीच एकता बढ़ाएगी।