
प्रांतीय फार्मासिस्ट एसोशिएशन के अध्यक्ष अंबर चौहान ने बताया कि सरकार के उदासीन रवैये के कारण फार्मासिस्टो के सभी संगठन एक मंच पर आकर एक ही मुद्दे की लडाई लडेंगे और यह लडाई निरंतर जारी रहेगी जब तक उनकी मांग नही मान ली जाती। एसोसिएशन ने शासन के समक्ष कई बार अपनी मांगो को रख चुके है बावजूद इसके शासन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नही आई । इसके चलते मध्यप्रदेश के समस्त फार्मासिस्ट्स में आक्रोश है व सरकार के प्रति असन्तोष व्याप्त है।
गौरतलब है कि फार्मासिस्ट्स की वेतन विसंगति पिछली कई बर्ष से चली आ रही है जिसका शासन व संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, म. प्र. की ओर से कोई हल नहीं निकाला गया है! हाल ही में प्रदेश के समस्त फार्मासिस्ट्स संगठन सरकार की फार्मासिस्ट्स के प्रति उपेक्षा के विरोध में एक साथ कार्य करने के लिए एकमत हुए थे।
स्टेट फार्मासिस्ट एसोसिएशन के आव्हान पर प्रदेश के सभी फ़ार्मसिस्ट जून प्रथम सप्ताह से सामूहिक अवकाश पर रहेंगे..! फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन, प्रांतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन सहित बाक़ी अन्य फ़ार्मसिस्ट संगठनो ने भी सामूहिक अवकाश का समर्थन किया है और साथ ही कहा है कि यदि सरकार जल्द ही इनकी वेतन विसंगति दूर नही करती है तो ये प्रदर्शन या अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए बाध्य हो सकते हैं..! संघ के अध्यक्ष राजेंद्र नायर का कहना है की स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण घटक एक दशक से वेतन विसंगति को लेकर संघर्ष कर रहा है परंतु सरकार का ध्यान उनकी समस्याओं पर नहीं जा रहा..! उच्च शिक्षित व तकनीकी योग्यता के वावजूद भी ड्राइवर के बराबर वेतन पा रहे फार्मासिस्ट्स की माँग है कि उनका एंट्री लेवल वेतन 5200-20200 ग्रेड पे 2800 किया जाए।