मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में कटौती, मंगलसूत्र भी नहीं देंगे

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना जिसने उन्हे पूरे देश में लोकप्रियता दिलाई अब सरकारी खजाने में कड़की का शिकार हो गई है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के दौरान विवाहित कन्याओं को दिए जाने वाले उपहारों में कटौती की गई है। यहां तक कि सुहाग का प्रतीक मंगलसूत्र भी अब नहीं दिया जाएगा। सरकार का तर्क है कि सोना चांदी महंगा होता जा रहा है इसलिए अब यह खर्चा नहीं उठाया जा सकता। बता दें कि बीते रोज कन्यादान योजना के तहत दिए गए आभूषणों की शुद्धता पर सवाल खड़ा हो गया था। घोटाला सामने आने के बाद कार्रवाई भी हुई परंतु नुक्सान उन कन्याओं को हो गया जो आने वाले दिनों में इस योजना के तहत विवाह बंधन में बंधने वाली हैं। 

पत्रकार दीपक विश्वकर्मा की रिपोर्ट के अनुसार विवाह में मंगलसूत्र लोगों की भावनाओं से जुड़ी निशानी के तौर पर देखा जाता है। खोटी चांदी होने पर लोगों की इन भावनाओं को ठेस न पहुंचे, इसलिए ऐहतियात के तौर पर ऐसा किया जा रहा है। विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री में चांदी के आभूषणों में बिछिया, पायजेब और मंगलसूत्र दिया जाता था। इसके लिए प्रति जोड़े के हिसाब से महज 3 हजार 500 रुपए का बजट रखा गया है। इतनी राशि में एक जोड़ी बिछिया, एक जोड़ी पायल तो आ सकते है, लेकिन मंगलसूत्र देने के लिए शासन के पास बजट की कमी पड़ रही है।

आगामी विवाह सम्मेलनों से होगा लागू
मंगलसूत्र न दिए जाने का निर्णय आगामी सभी विवाह सम्मेलनों से लागू कर दिया जाएगा। निर्धन लोगों को मंगलसूत्र का खर्चा अपनी जेब से ही उठाना पड़ेगा। हालांकि, विवाह सम्मेलनों में तय राशि में निशानी के तौर पर दो आभूषण दिए जाने का प्रावधान पहले से किया गया था। जिसमें मंगलसूत्र और बिछिया आवश्यक रूप से दिया जाता था।

दिया जाएगा कपड़ा 
विभागीय अफसरों ने बताया कि मंगलसूत्र की जगह अब एक जोड़ी कपड़े देने का प्रावधान इस विवाह सम्मेलन में किया गया है। अगर विवाहिता हिंदू है तो साड़ी और मुस्लिम है तो सलवार सूट देने का निर्णय लिया गया है। जो कि विभाग के बजट में फिट बैठ जाएगा।

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में क्या-क्या दिया जाता है 
एक अप्रैल 2006 से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की शुरुआत की गई थी। इसमें अब तक 3 लाख से ज्यादा विवाह में कराए जा चुके है। इस योजना में कन्या के दाम्पत्य जीवन की खुशहाली के लिए 5 वर्ष तक के लिए सावधि जमा रुपए 17 हजार, विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री चांदी की बिछिया, पायजेब और 7 बर्तन, इसमें 3500 के बिछिया और पायजेब, वहीं 1500 रुपए के बर्तन, सामूहिक विवाह कार्यक्रम के लिए ग्रामीण व शहरी निकाय को व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए 3000 रुपए भी दिए जाते है। इस प्रकार कुल राशि 25 हजार प्रति कन्या के मान से दिए जाने का प्रावधान है।

नहीं दिए जाएंगे मंगलसूत्र
आगामी सभी विवाह सम्मेलनों में मंगलसूत्र नहीं दिए जाएंगे। शासन स्तर पर यह निर्णय लिया गया है। जिसका पालन कराया जाएगा। 
मनोज तिवारी, संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय

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