
रश्मि ने अध्यक्ष को बताया कि वह सबसे जूनियर नर्स है। डेढ़ साल पहले ही उसने नौकरी ज्वाइन की है, लेकिन उसे भी बिना वजह हमीदिया से सुल्तानिया अस्पताल ट्रांसफर कर दिया गया। डॉ. मरावी पर उसने अभद्र व्यवहार एवं कॉलर पकड़कर धक्का देने का आरोप भी लगाया। रश्मि ने यह भी बताया कि जब वह ज्वाइन करने सुल्तानिया पहुंची तो वहां के अधीक्षक डॉ. करन पीपरे ने भी उसे डांट-डपट कर भगा दिया। इस वजह से वह मानसिक रूप से बहुत परेशान है।
नई जांच समिति बने
आयोग अध्यक्ष वानखेड़े को एसोसिएशन की प्रांताध्यक्ष मंजू मेश्राम ने बताया कि इस प्रकरण में अभी जो जांच समिति बनाई गई है उसमें डॉ. आरएन साहू एवं डॉ. आरके जैन हैं। ये लोग डॉ. मरावी से प्रभावित हैं, इसलिए उन्हें निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है। एसोसिएशन की ओर से मांग की गई है कि निष्पक्ष जांच के लिए नई समिति गठित की जाए। उनके साथ आयोग पहुंची रश्मि ने भी अध्यक्ष को बताया कि उसे लगातार धमकियां दी जा रही हैं।
अगली बेंच में रखेंगे प्रकरण
आयोग अध्यक्ष लता वानखेड़े ने कहा कि उन्होंने इस प्रकरण की जांच कलेक्टर भोपाल से कराने का निर्णय किया है। आयोग की अगली बेंच में डॉ. मरावी को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों से आमने-सामने सवाल-जवाब किए जाएंगे। इसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जा सकेगा।