जबलपुर। आज जब सारी दुनिया मां के चरणों में शीश झुका रही है, यहां पुलिस ने एक ऐसी मां को गिरफ्तार किया है जो अपनी 10 साल की बेटी का एक पुलिसकर्मी के हाथों 2 साल से रेप करवा रही थी। पीड़िता के बयान के अनुसार उसकी मां उसे एक कमरे में बंद कर देती थी। फिर पुलिस अंकल अंदर आते थे। वो एक लाल टैबलेट खाने के लिए देते थे। उसके बाद बेहोशी आने लगती थी। फिर वो कपड़े उतारते थे और गंदा काम करते थे। मामले का खुलासा होने के बाद भी पुलिस प्रकरण दर्ज नहीं कर रही थी परंतु जब यह मामला भोपाल समाचार डॉट कॉम में छपा और नेशनल लेवल पर मीडिया की सुर्खियां बना तो पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस ने अपने मायके में छुपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। रेप करने वाला पुलिसकर्मी भी अरेस्ट कर लिया गया है।
पुलिस ने बच्ची का मेडिकल कराने के बाद उसका बयान दर्ज किया। इसमें उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मासूम के मुताबिक उसके साथ एक अन्य व्यक्ति ने भी ज्यादती की है। हालांकि अभी उसके बारे में पुलिस कुछ भी खुलकर नहीं बता रही है। गुपचुप तरीके से उसकी तलाश की जा रही है। बच्ची की माने तो आरोपी आरक्षक उसे नशीली दवा खिलाकर दुष्कर्म करता था।
बच्ची की मां को बहाने से बुलाकर पकड़ा
बालिका की मां का मायका ग्वालियर में है। पिछले कुछ दिनों से वह अपने मायके में थी। सनसनीखेज खुलासे के बाद जबलपुर पुलिस ने ग्वालियर पुलिस से संपर्क बालिका की मां को बहाने से जबलपुर बुलाया। वह जैसे ही रेलवे स्टेशन पर पहुंची उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
लाल रंग की गोली खिलाकर अंकल करते थे गंदा काम
सगी मां और आरक्षक की ज्यादती की शिकार बालिका ने पुलिस को बताया कि पुलिस अंकल उसे कमरे में बंद करने के बाद लाल रंग की एक गोली खिलाते थे। मना करने पर मारपीट करते थे। गोली खाने के बाद वह अर्द्घबेहोशी की हालत में आ जाती थी।
यह है मामला
शुक्रवार की शाम ग्वारीघाट क्षेत्र में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला ने बाल कल्याण समिति सदस्य अरुण जैन से शिकायत की थी कि उसकी 10 साल की पोती के साथ ग्वारीघाट थाने में पदस्थ आरक्षक मयंक तिवारी कई बार दुराचार कर चुका है। जिसके बाद वे जांच करने अन्य सदस्यों के साथ बच्ची के घर पहुंचे थे। बच्ची ने बयान में बताया कि मयंक तिवारी दो साल से उसके घर आता-जाता था। चार महीने पहले मां ने उसे मयंक के साथ एक कमरे में बंद कर दिया, जिसके बाद मयंक ने उसके साथ दुराचार किया। मयंक जब भी उसके घर आता था तो मां उसे कमरे में बंद कर देती थी। मयंक उसके साथ दुराचार और मारपीट करता था। मयंक ने पूछताछ में बताया था कि बालिका के पिता ने कीमती बाइक और टीवी फाइनेंस कराई थी। किश्त नहीं चुकाने पर उसका वारंट निकला था। वह उसके घर वारंट लेकर जाता था, तो बालिका की मां के साथ उसके संबंध बन गए थे। एक महीने पहले बालिका को छोड़कर उसकी मां मायके भाग गई थी। जिसके बाद से बालिका अपने छोटे भाई के साथ दादी के घर में रह रही है।
बालिका के बयान के आधार पर आरोपी आरक्षक मयंक और बालिका की मां पर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
मधुरेश पचौरी, टीआई ग्वारीघाट
बाल कल्याण समिति की महिला पीठ और समाजसेवियों ने बालिका के बयान लिए हैं। जिसमें बालिका ने जो बात पहले कहीं थी वहीं बताई है। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति का नाम सामने आया है। जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार की रात बालिका का मेडिकल कराया गया। अन्य चेकअप भी कराया जा रहा है।
अरुण जैन, बाल कल्याण समिति सदस्य