
ये था पूरा मामला
मामला गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के कोइलहवा गांव का था। यहां रविवार को कच्ची शराब के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी। इसे खुलवाने पहुंचीं सीओ गोरखनाथ चारू निगम और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। आरोप है, ग्रामीणों ने पुलिस पर डंडे और पत्थर बरसा दिए थे, जिसमें चारू निगम को चोटें आई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आधा दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर जाम खुलवाया था। पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पहुंचे बीजेपी विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने दोबारा सड़क जाम कर दी।
उन्होंने चारू को फटकार लगाते हुए कहा था, "इसकी भाषा देखिए, कैसे ये चिल्लाकर हमसे बात कर रही है। देख रहे हैं इसकी बदतमीजी वाली भाषा... आप चुप रहो, यहां एसडीएम साहब खड़े हैं, मैं उनसे बात कर रहा हूं। चुप रहिए आप, आपसे बात मैं नहीं कर रहा हूं। मुझे नियम न बताओ तुम। मैंने बताया न, बर्दाश्त के बाहर मत जाओ। मैं इससे बात नहीं करूंगा, इसके अधिकारी को बुलाइए।
इसके जवाब में आईपीएस चारू बोलीं, "मैं भी इस क्षेत्र की क्षेत्राधिकारी हूं और जो लॉ एंड ऑर्डर आपने बिगाड़ रखा है। उसी के संबंध में आपसे बात करने आई हूं। ये सब सुनकर कैमरे के सामने ही आईपीएस की आंख में आंसू आ गए। वे कई बार आंसू पोंछते नजर आईं।
विधायक ने मामले ने दी सफाई
विधायक राधामोहन दास अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि वो जनता के बुलाने पर वहां गए थे। उस इलाके में काफी दिनों से शराब को लेकर लोगों का गुस्सा था। शराब की दुकानों को हटवाने को लेकर उनसे लोग कई बार शिकायत कर चुके थे। उन्होंने किसी भी तरह की अभद्र भाषा या क्षेत्राधिकारी के साथ कोई बुरा बर्ताव नहीं किया। चारू निगम ही उल्टे पीड़ित महिलाओं और बुजुर्गों के साथ मारपीट कर रही थीं। विरोध करने के चलते उन पर ये आरोप लगाए जा रहे हैं।
विधायक ने मीडिया से कहा कि अगर आपके पास मेरे बुरे बर्ताव या उनको डांटने की कोई क्लिप है तो आप उनको दिखाइए, लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा फर्ज बनता है कि आम लोगों की समस्या को सुनूं और अगर पुलिस उनके साथ अन्याय कर रही है तो उसका विरोध करूं।