संविदा कर्मचारी और पंचायत सचिवों की ट्रांसफर पॉलिसी लापता

भोपाल। 30 हजार से ज्यादा पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों की तबादला नीति अधर में है। विभागीय मंत्री गोपाल भार्गव और अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया के बीच तबादलों को लेकर पिछले सप्ताह चर्चा भी हुई पर कोई नतीजा नहीं निकला। बताया जा रहा है कि विभागीय अधिकारी तबादला या स्थान परिवर्तन के पक्ष में नहीं हैं।

सूत्रों के मुताबिक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 8 से 10 हजार संविदा कर्मचारियों के स्थान परिवर्तन बीते दो साल से नहीं हुए हैं। पिछले साल स्थान परिवर्तन के लिए सिद्धांत तो बनाए गए थे पर तबादला एक भी नहीं किया। जबकि, स्थान परिवर्तन कराने के लिए मंत्री कार्यालय में कईयों ने आवेदन दिए थे।

हालांकि मंत्री महिला, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के अलावा व्यावहारिक मामलों पर सहानुभूतिपूर्वकविचार करते हुए स्थान परिवर्तन के पक्ष में हैं, लेकिन अधिकारी इससे सहमत नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है कि संविदा नियुक्ति स्थान और काम विशेष के लिए होती है। ऐसे में उन्हें दूसरे स्थान पर पदस्थ नहीं किया जा सकता है।

इसी तरह पंचायत सचिवों की तबादला नीति को लेकर एकराय नहीं बन पा रही है। अधिकारी सचिवों के हड़ताल पर जाने के बाद से नाराज हैं। यही वजह है कि मंत्री के साथ तबादला नीति को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि मंगलवार को इन मुद्दों को लेकर एक बार फिर बैठक होगी।

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