कन्यादान योजना में उपहार घोटाला: सप्लायर गिरफ्तार

भोपाल। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में नकली आभूषण सप्लाई करने वाले कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे मुंबई एयरपोर्ट से दबोचा गया। वो विदेश भागने की फिराक में था। बताया जा रहा है कि पिछले 5 साल से लगातार अरोपी विपुल जैन की वाईबल डायमंड फर्म को ही आभूषण सप्लाई का ठेका मिल रहा था। गिरफ्तार किए गए जैन के बयान के आधार पर कन्यादान योजना उपहार घोटाले की और भी परतें खुलने की संभावना है। 

सीएसपी निशातपुरा लोकेश सिन्हा के अनुसार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शादी कर चुकी कीर्ति और राखी ने कलेक्टोरेट में 9 मई को जेवरों को लेकर शिकायत की थी। यह जेवर वाईबल डायमंड फर्म ने सप्लाई किए थे। कलेक्टर ने निशातपुरा पुलिस को धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। पुलिस ने सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक मनोज तिवारी की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया था। 

मंगलवार रात पुलिस ने इस मामले में कंपनी के संचालक विपुल जैन (34) को मुंबई डोमेस्टिक एयरपोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। वह अपने दोस्तों और परिवार के साथ मॉरिशस भागने की फिराक में था। पुलिस ने पूछताछ के बाद बुधवार दोपहर विपुल को न्यायालय में पेश कर दिया। न्यायालय ने आरोपी को 7 दिन की रिमांड पर निशातपुरा पुलिस के हवाले कर दिया है।

5 साल से एक ही कंपनी को मिल रहा टेंडर
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में जेवर बांटने का काम विपुल की कंपनी को वर्ष 2013 में मिला था। उसके बाद से लगातार 5 साल से उसे ही इसका टेंडर मिल रहा था। उसने इस योजना के तहत अब तक करीब पांच बार जेवर सप्लाई किए हैं। बीती 29 अप्रैल को हुए विवाह सम्मेलन में उसने विवाहिताओं को पायल, मंगलसूत्र और बिछिया दी गई थी। कंपनी का करीब 3 करोड़ रुपए का सालाना टर्नओवर बताया जाता है।

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