व्यापमं 2016 में फिर घोटाला, डायरेक्टर बोले इतना तो चलता है | PEB SCAM

भोपाल। सरकारी नौकरियों में सिफारिश और रिश्वतखोरी से अभ्यर्थियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यावसायिक परीक्षा मंडल का गठन किया गया था, बावजूद इसके देश का सबसे बड़ा व्यापमं घोटाला सामने आया। सरकार ने इसका नाम बदलकर मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड रख दिया। दावा किया गया कि अब एक प्रतिशत भी बेईमानी की गुंजाइश नहीं है लेकिन 2016 में हुई पुलिस आरक्षक भर्ती में फिर घोटाला हो गया। शुरूआती जांच में 11 मुन्नाभाईयों का खुलासा हुआ है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस खुलासे पर भास्कर लाक्षाकार, डायरेक्टर, पीईबी का कहना है कि यह कोई बड़ी बात नहीं। मालूम हो आरक्षक भर्ती परीक्षा देने के दौरान ही 70 मुन्नााभाई पकड़े गए थे।

सात जिलों में निकले फर्जी उम्मीदवार 
जानकारी के अनुसार कुल सात जिलों में ऐसे अभ्यर्थी सामने आए है, जिन्होंने मुन्नाभाइयों से परीक्षा दिलवाई, फिटनेस खुद दिया और आरक्षक के लिए चयनित भी हो गए। इनमें दतिया, छिंदवाड़ा, सतना, उज्जैन, इंदौर के साथ 9वीं बटालियन रीवा और 36वीं बटालियन बालाघाट के उम्मीदवार शामिल हैं।

ऐसे आए पकड़ में 
पुलिस आरक्षक भर्ती में इस बार बड़े पैमाने पर फिंगर प्रिंट मिलान नहीं होने के चलते पसोपेश की स्थिति रही। फिटनेस के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या 320 थी, जिनके फिंगर प्रिंट मिलान नहीं हुए। इन अभ्यर्थियों को दोबारा मौका दिया गया। इनमें भी 150 उम्मीदवारों के फिंगर प्रिंट नहीं मिले।

इसके बाद जिलों में एक बार फिर फिंगर प्रिंट मिलान के लिए शेष उम्मीदवारों के फिंगर प्रिंट लेने को कहा गया। व्यापमं से मूल रिकॉर्ड मंगवाया गया जिसमें फिंगर प्रिंट और राइटिंग का रिकॉर्ड था। इसे जिलों में भेजा गया जहां इन 11 लोगों के फिंगर प्रिंट परीक्षा देने वाले फिंगर प्रिंट से अलग थे।

इधर, मुख्यालय की फाइल ही गायब कर दी 
जानकारी के अनुसार चयनित उम्मीदवारों के फिंगर प्रिंट मिलान करने को लेकर रीवा जिले को पुलिस मुख्यालय से अभ्यर्थी का भेजा गया मूल रिकॉर्ड ही गायब हो गया। इसमें तीन संदिग्ध उम्मीदवारों के व्यापमं से मंगवाए ओरिजनल दस्तावेज थे। इसे लेकर पुलिस मुख्यालय ने रीवा एसपी को तलब किया है।

इतना तो चलता है
पुलिस आरक्षक भर्ती में साढ़े नौ लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। इसमें से 10-11 मुन्नाभाई बच कर परीक्षा देने में सफल भी हो गए तो कोई बड़ी बात नहीं। तीन जगहों पर फिल्टर थे इसलिए पकड़े भी गए। वैसे आप यह भी कह सकते हैं कि फिजिकल में पुलिस विभाग की नजरों से भी चूक गए। 
भास्कर लाक्षाकार, डायरेक्टर, पीईबी

दर्ज होगी एफआईआर 
ऐसे 11 उम्मीदवार सामने आए है जिन्होंने मुन्नााभाइयों से परीक्षा दिलवाई और फिटनेस टेस्ट देकर खुद चयनित हो गए थे। इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश संबंधित जिलों के एसपी को भेज दिए हैं। 
धमेंद्र सिंह छाबई, आईजी चयन व भर्ती

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !