
कंपनी ने न तो घड़ी दी और न ही मूल्य वापस किया
पांच नवंबर 2016 को कंपनी ने शिकायकर्ता को दूसरी घड़ी उपलब्ध कराई। दूसरी घड़ी भी खराब थी, जिसे शिकायतकर्ता ने लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद कंपनी ने न तो घड़ी दी और न ही मूल्य वापस किया। तत्पश्चात तरुण वर्मा ने नौ दिसंबर 2016 को फोरम में सीईओ स्नैपडील डॉट काम जसपर इंफोटैच कंपनी ओखला इंडस्ट्रियल एरिया नई दिल्ली के खिलाफ वाद दायर किया। फोरम के अध्यक्ष डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा, सदस्य लीला जोशी, प्रभात कुमार चौधरी ने दोनों पक्षों की बहस सुनी।
फोरम ने पाया कि कंपनी द्वारा सेवा में कमी की गई है। फैसला सुनाया कि स्नैपडील कंपनी 15 दिन के भीतर शिकायकर्ता को क्रय की गई घड़ी, तीन हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और दो हजार रुपये वाद व्यय के अदा करे। यदि कंपनी द्वारा उक्त अवधि में घड़ी नहीं दी गई तो शिकायतकर्ता मानसिक क्षतिपूर्ति, वाद व्यय की धनराशि के अलावा घड़ी का मूल्य 10,044 रुपये प्राप्त करने का अधिकारी होगा।