मप्र में कर्मचारी और शिवराज सिंह सरकार आमने सामने | EMPLOYEE

भोपाल। विधानसभा चुनाव होने में भले ही डेढ़ साल का समय बचा हो पर कर्मचारी राजनीति पूरे प्रदेश में गर्मा गई है। पंचायत से लेकर मंत्रालय तक के कर्मचारी इन दिनों सरकार से नाराज हैं। ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बिजलीकर्मी, पटवारी, राजस्व निरीक्षक, अध्यापक से लेकर कई अन्य कर्मचारी हड़ताल कर चुके हैं। पंचायत सचिव, सरपंच और पंच हड़ताल पर हैं। मंगलवार को पंचायत सचिवों और सरपंचों की एसीएस आरएस जुनानिया से तीखी बहस हुई थी। इधर, बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल कर्मचारियों के निशाने पर आ गए। मंत्रालय कर्मचारी संघ की मांगों पर बर्णवाल से विवाद के बाद कर्मचारियों ने करीब एक घंटे तक मंत्रालय के गलियारों में घूम-घूमकर नारेबाजी की। कर्मचारी बर्णवाल के व्यवहार को लेकर नाराज थे। संघ अध्यक्ष सुधीर नायक ने चेतावनी दी कि हम हड़ताल नहीं करते हैं तो इसे कमजोरी न समझा जाए।

सरकार भी अड़ी
सरकार भी कर्मचारियों के दबाव की इस राजनीति के आगे झुकने की जगह सख्ती से निपटने का रास्ता अख्तयार कर रही है। इसके संकेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों नारेबाजी कर रहे कुछ अतिथि विद्वानों की सेवा समाप्त करने की घोषणा कर दे दिए थे।

मंगलवार को भी उन्होंने मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक में कहा कि हठधर्मिता करने वालों की सेवा भी समाप्त की जा सकती है। मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्य भी इस रुख से सहमत हैं। इन्होंने कर्मचारी संगठनों को बता भी दिया है कि पहले काम पर वापस आओ फिर बात होगी, लेकिन कर्मचारी नेता भी जानते हैं कि सरकार चुनावी मोड में आ चुकी है। ऐसे में कोई भी कड़ा कदम उठाना आसान नहीं होगा।

तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेंगे, हमारी बात तो सुननी पड़ेगी
बुधवार को मंत्रालय में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब मंत्रालीयन कर्मचारी संघ के पदाधिकारी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल के कमरे से बाहर निकलकर नारेबाजी करने लगे। दरअसल, कर्मचारी बर्णवाल से स्मार्ट सिटी के लिए साउथ और नॉर्थ टीटी नगर से बिना वैकल्पिक व्यवस्था मकान खाली करने की कार्रवाई रोकने की मांग को लेकर गए थे।

सभी कर्मचारी चाहते थे कि जो बात हो, वो उनके सामने हो, इसलिए 50-60 लोग एक साथ उनके कमरे में पहुंच गए। इस पर बर्णवाल ने आपत्ति जताई और कहा कि 4-5 लोग बात करने के लिए आएं। इसको लेकर कर्मचारी नेता नाराज हो गए और कमरे से बाहर निकलकर नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद ये नारेबाजी बर्णवाल हटाओ की मांग में तब्दील हो गई।

संघ अध्यक्ष सुधीर नायक ने बताया कि अधिकारियों का तानाशाहीपूर्ण रवैया है। हम हड़ताल नहीं करते हैं तो इसे हमारी कमजोरी न समझा जाए। उधर, बर्णवाल ने कहा कि किसी को कमरे से बाहर नहीं निकाला। बस इतना कहा कि 4-5 लोग ही मिलने के लिए आएं। इसी बात को लेकर कर्मचारी नाराज हो गए।

दस दिन तक रोजाना होगी एक घंटे नारेबाजी
उधर, संगठन ने प्रमुख सचिव के व्यवहार के बाद आपात बैठक बुलाई। संघ अध्यक्ष सुधीर नायक के मुताबिक तय किया गया कि दस दिन तक रोजाना एक घंटे मंत्रालय के गलियारे में नारेबाजी होगी। दस दिन में भी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो मंत्रालय बंद करने का आंदोलन होगा।

बेदखली के नोटिस नहीं होंगे जारी
उधर, बर्णवाल ने गृह विभाग के अधिकारियों से बात कर उन्हें बिना वैकल्पिक व्यवस्था के मकान से बेदखली का नोटिस नहीं देने के लिए कहा। दरअसल, स्मार्ट सिटी के लिए जितने कर्मचारियों से मकान खाली कराए जा रहे हैं, उतने मकान नहीं मिल रहे हैं। जो मकान दिए भी जा रहे हैं, उनकी स्थिति बेहद खराब है।

ये हैं कर्मचारियों की मांगें
वैकल्पिक व्यवस्था के बिना मकान खाली न कराए जाए।
अनुभाग अधिकारी और निज सचिव का वेतनमान बढ़ाएं।
दफ्तरी का वेतन बढ़ाया जाए। 18 साल से नहीं बढ़ा।
तकनीकी कर्मचारियों को समयमान-वेतनमान दिया जाए।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !