
लालघाटी इलाके में बना यह बंगला। भूत बंगले के नाम से पहचाना जाता है। इस बंगले को लेकर कई किस्से चर्चा में रहे हैं। आज भी लोग इस बंगले के सामने से गुजरते वक्त सहम जाते हैं। यह बंगला अक्सर किसी न किसी वजह से विवाद और लोगों के डर का कारण बना रहा है। लोगों का मानना है कि बरसों से खाली पड़े होने की वजह से इस बंगले पर भूतों ने अपना कब्जा कर लिया है। देर रात इस बंगले में से अजीब आवाजें आती है, जो लोगों की दहशत का मुख्य कारण हैं।
इसलिए महल के अंदर से आती है भयानक आवाज...
हालांकि कई लोग भूत-प्रेत की बातें सिर्फ वहम बताते हैं। पुराने शहर में रहने वाले बड़े-बुजुर्गों के अनुसार इस बंगले में कोई भूत नहीं है। यह बंगला निहायत सलीके और बेहतर योजना का कमाल है, जिसे नवाबों के दौर में बनाया गया था। लगभग 1 लाख 22 हजार 500 स्क्वायर फीट पर बना यह बंगला खूबसूरत कारीगरी का एक नमूना है। इसमें भोपाल का पहला रॉक गार्डन और कॉर्नर विंडो भी थी, जो अब अपनी पहचान खो चुकी है। भोपाल में रह चुके मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब की बहनें आबरू और आरजू यहां रहा करती थीं। आबरू बेगम बहुत तेज और जहन की समझदार थीं। वह प्रिंस ऑफ वेल्स लेडीज क्लब की सेक्रेटरी भी रहीं।
दरअसल देर रात सुनसान में जब लालघाटी से गाडिय़ां चढ़ती हैं, तो उनकी आवाज महल के पीछे पहाड़ से टकराकर, खाली महल में गूंजती है। गाड़ियों की उन आवाजों को लोग भूतों की आवाज समझ लेते हैं। नवाबी दौर के इस बंगले को नवाबी शासन खत्म होने के कुछ वक्त बाद ही महज 20 हजार रुपए में नगर सेठ छगनलाल ने खरीद लिया था।