
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने शेख अब्दुल्ला की जयंती पर हुर्रियत नेताओं की कश्मीर की आजादी की मांग का समर्थन किया था। इसके बाद उनके बयान पर काफी विवाद हो गया। यशवंत सिन्हा ने उस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'फारुख अब्दुल्ला हमेशा से राषट्रवादी रहे हैं। उपचुनाव के लिए राज्य में चुनाव प्रचार जोरों पर था। ऐसे में मुझे नहीं पता कि उनका बयान किस संदर्भ में आया।'
जम्मू-कश्मीर उपचुनाव में हिंसा पर उन्होंने कहा, अगर हिंसा बहुत हुई होती तो कोई भी अपनी जान खतरे में डालकर वोट करने नहीं आता है। वहीं कुलभूषण के मुद्दे को लेकर कहा कि इस मामले में पाक से बात करने का कोई मतलब नहीं है। पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर सिन्हा ने कहा, '70 साल में पाकिस्तान से रिश्ते सुधर नहीं सके हैं। विश्वास नहीं होने के कारण ऐसा हो रहा है। जब तक पाकिस्तान की तरफ से नकारात्मकता खत्म नहीं होगी तब तक बातचीत का कोई अर्थ नहीं है।