108 एम्बुलेंस का हड़ताली कर्मचारी बेहोश, सीएम ने कहा धेला नहीं दूंगा | EMPLOYEE STRIKE

भोपाल। 108 एम्बुलेंस का संचालन करने वाली कंपनी जिगित्सा हेल्थ केयर जुड़े 108 एंबुलेंस के ईएमटी और पायलेट्स की हड़ताल गुरुवार को भी जारी रही। तेज धूप और गर्मी में सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी बीमार हो रहे हैं। गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान एक कर्मचारी को चक्कर आ गया। विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से नाराज अफसर उनसे मिलने तक नहीं पहुंचे। उधर, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर हड़ताल पर गए कर्मचारियों पर नाराजगी जाहिर की है। तेज धूप और गर्मी में सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी बीमार हो रहे हैं। गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान एक कर्मचारी को चक्कर आ गया। कर्मचारी का नाम श्याम दंडोतिया बताया जा रहा है, जो कि मुरैना का रहने वाला है। प्रदर्शन स्थल पर ही जब वह बेहोश हो गया तो तत्काल उसके अन्य साथी उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां उसका उपचार जारी है।

सीएम ने भी जताई नाराजगी
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मरीजों और उनके परिजनों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार से अब तक मुख्यमंत्री के क्षेत्र सीहोर के अलावा भोपाल, झाबुआ, बैतूल, रीवा, सागर और इंदौर सहित 51 जिलों की 556 एंबुलेंस 12 घंटे तक ऑफ रोड है। उधर, मरीजों को रही परेशानी से नाराज सीएम ने ट्वीट कर कहा है कि 'हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले रोज़गार सहायकों का मानदेय 7 से 9 हजार कर दिया गया है। मैं हड़ताल में शामिल लोगों को एक धेला भी नहीं दूंगा। '

परेशान होते रहे मरीज
बुधवार को 108 एंबुलेंस के कॉल सेंटर पर 10 हजार लोगों ने मदद मांगी। इनमें 3 हजार ऐसे लोग थे जिनको एक्सीडेंट, हार्ट अटैक, डिलेवरी, पेट दर्द, अन्य गंभीर वजह से तुरंत एंबुलेंस चाहिए थी। जरूरतमंद लोगों को फोन पर एंबुलेंस भेजने का दिलासा देते रहे, लेकिन यह नहीं बताया कि हड़ताल की वजह से गाडिय़ां ऑफ रोड हैं। लिहाजा, परेशान होकर मरीजों को ऑटो, टैक्सी, स्कूटर, बाइक से अस्पताल पहुंचना पड़ा। हालांकि 108 एंबुलेंस की रिस्पांस टीम ने कुछ लोगों को डायल 100 और जननी एक्सप्रेस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। हड़ताल गुरुवार को भी जारी रहेगी।

हड़ताल के मुख्य कारण
कर्मचारियों से आठ घंटे की ड्यूटी ली जाए जो अभी 12 घंटे है। वरीयता क्रम व ज्वाइनिंग दिनांक से ही कर्मचारियों को अगली संचालित ठेका कंपनी में तैनात किया जाए। प्रत्येक कर्मचारी की रूकी राशि के संबंध में लिखित जानकारी दी जाए। वेतन बढ़ाने की जो बात गई थी, वो किसी कंपनी ने पूरी नहीं की। सरकारी नियमों के अनुसार पीएल का भुगतान किया जाए।
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