
भोपाल में हुए लोधी समाज के राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में उमा ने यह भी कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव (2014) के दौरान चुनाव ना लड़ने की इच्छा भी जाहिर की थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर झांसी से चुनाव लड़ा। उमा बोली कि छह साल की उम्र से प्रवचन कर रही है और तब से भीड़ उन्हें घेर लेती थी लेकिन अब शायद उनके अंदर का टॉरलेंस कम हो गया है और भीड़ से ऊब चुकी हूं।
बता दें कि उमा भारती मूलत: धार्मिक प्रवचन करती रहीं हैं। वो बाल्यकाल से ही प्रवचन करतीं आ रहीं हैं। भाजपा की संस्थापक राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने उन्हे राजनीति में आने के लिए कहा। राम मंदिर आंदोलन के समय उमा भारती को काफी हाइट मिली और वो उत्तरप्रदेश की लोकप्रिय नेता बन गईं। बाद में भाजपा ने उन्हे मप्र में पूरी तरह से जम चुकी दिग्विजय सिंह सरकार को उखाड़ने के लिए भेजा। बता दें कि उमा भारती का नाम यूपी के सीएम के लिए भी चला था। यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान हर पोस्टर पर मोदी और अमित शाह के अलावा उमा भारती का फोटो भी था।