महासंघ कर्मचारियों को 7% DA, संशोधित मत्स्य-बीज संचय नीति स्वीकृत

भोपाल। मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री श्री अन्तर सिंह आर्य की अध्यक्षता में मत्स्य महासंघ की कामकाज समिति की बैठक में महासंघ कर्मियों को शासन के अनुरूप 7 प्रतिशत महँगाई भत्ता भुगतान की स्वीकृति दी गई। संशोधित मत्स्य-बीज संचय नीति को स्वीकृति दी गई। इसके तहत संचय लक्ष्यों के अनुरूप मत्स्य-बीज संचय न करने पर अनुबंधग्रहीता से शेष रह गये मत्स्य-बीज की दोगुनी मात्रा को आगामी वर्ष में जलाशय में संचय करवायी जायेगी अथवा दोगुनी राशि वसूली की जायेगी। 

नवीन नीति लागू होने से जलाशय के विकास एवं मत्स्य-उत्पादकता में होने वाली हानि की भरपाई हो सकेगी। यह नीति वर्ष 2017-18 से सभी जलाशय पर लागू की जायेगी। बैठक में उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश की सीमा में निर्मित अन्तर्राज्यीय राजघाट जलाशय की गतिविधियों के संचालन के संबंध में भी चर्चा की गई। श्री आर्य ने छत्तीसगढ़ मत्स्य महासंघ से अधिकाधिक मत्स्य-बीज क्रय कर जलाशयों में संचय कर मत्स्य-उत्पादन बढ़ाने की बात कही। मछुआ आवास कॉलोनियों में पेयजल व्यवस्था के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से कार्य करवाये जाने की अनुमति दी गई।

मत्स्य-बीज की संख्या बढ़ाते हुए मछली उत्पादन बढ़ाने, सभी शासकीय तालाबों में मछली पालन करने, नीली क्रांति योजना में केज कल्चर विकसित करने, खाली पदों पर शासन के नियमानुसार भर्ती करने आदि अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। बैठक में प्रमुख सचिव श्री विनोद कुमार, मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक श्री सतीशचन्द सिलावट, सचिव श्री एस. जोशी एवं संचालक श्री ओ.पी. सक्सेना उपस्थित थे।

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