
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इस हादसे पर दुख जाहिर करते हुए सामाजिक न्याय पर बनी ज्वॉइंट एक्शन कमेटी के सदस्य ने बताया, ‘हम हादसे की वजह से दुखी हैं। वह एक मेधावी छात्र और अच्छा लेखक था।’ रजनी ने पिछले साल अपने ब्लॉग पर वेमुला की मां राधिका पर एक लेख लिखा था।
रजनी के सुसाइड की जैसे ही करने की खबर आई। उसके फेसबुक प्रोफाइल पर पूरे देश की यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मैसेज देखने को आने लगे। उन्होंने फेसबुक पर अपनी आखिरी पोस्ट में समानता की बात कही है। उसने लिखा हैं, ‘हर समानता नहीं मिलती तो कुछ नहीं मिलता। एमफिल और पीएचडी के एडमिशन में समानता नहीं है, मौखिक परीक्षा में कोई समानता नहीं है। वहां पर समानता नहीं है।