हिंदू कार्यकर्ताओं ने भगवान श्री गणेश का गलत चित्रण करने वाले साहित्यकार का मुंह काला किया

दावणगेरे। कन्नड़ साहित्यकार योगेश मास्टर पर दक्षिणपंथी समूह के संदिग्ध कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर हिंदुओं की भावना आहत करने के आरोप में स्याही फेंकी है। योगेश के 2013 में रचित उपन्यास 'धुंडी' को लेकर इस तरह के आरोप लगाए गए हैं। दावणगेरे कस्बे में एक पुस्तक के लोकार्पण समारोह के दौरान यह घटना घटी। समारोह के दौरान दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने साहित्यकार को घेर लिया और उनके मुंह पर स्याही पोत दी। योगेश ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि हमलावर 'जय श्री राम' के नारे लगा रहे थे।

पत्रकार गौरी लंकेश ने दिवंगत पत्रकार पी लंकेश की जयंती पर इस समारोह का आयोजन किया था। समारोह के दौरान साहित्यकार योगेश पर स्याही फेंकने वालों में करीब आठ लोग शामिल थे। दावणगेरे के पुलिस अधीक्षक बीएस गुलेद ने बताया कि साहित्यकार का आरोप है कि स्याही फेंकने वाले दक्षिणपंथी कार्यकर्ता थे और हमले में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

गिरफ्तार आरोपियों में ऑटोरिक्शा चालक 21 वर्षीय चेतन और स्थानीय प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाला 26 वर्षीय शिवप्रसाद शामिल हैं। योगेश ने कहा है कि वह हमला करने वालों में से अधिकतर को पहचान सकते हैं।

उन्होंने कहा, "हमलावरों का समूह हिंदूवादी और दक्षिणपंथी नारे लगा रहा था और मुझे हिंदू देवताओं के खिलाफ लिखने को लेकर जान से मारने की धमकी भी दी गई। वे गाली-गलौज कर रहे थे और मेरे बाल भी खींचे। मुझ पर हमला किया गया, जिसने मैं गहरे सदमे में हूं।"

उल्लेखनीय है कि योगेश को अपने उपन्यास धुंडी में हिंदू देवता 'गणेश' के कथित रूप से गलत चित्रण को लेकर हिंदुओं की भावना आहत करने की शिकायत पर 2013 में हिरासत में लिया गया था।
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!