भाजपा नेताओं से घटिया चावल खरीद रही है शिवराज सरकार

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान को कस्टम मिंलिंग के माध्यम से राज्य विपणन संघ द्वारा राईस मिलर्स से अनुबंध कर नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा चावल खरीदा जा रहा हैं। इस खरीदी की आड़ में निगम के अधिकारियों एवं राईस मिलर्स के बीच कमीशन बाजी के चलते गुणवत्ताहीन चावल की खरीदी का मामला प्रकाश में आया है।

गत 27 फरवरी को जिले के बाहर से आये जांच दल ने मांझापूर गर्रा में स्थित एक निजी गोदाम में संग्रहित किये गये चावल के स्टाक को निरस्त कर दिया एवं प्रदायकर्ता 4 संबंधित राईस मिलर्स को रिजेक्शन लेटर भी जारी कर दिया। उक्त चावल गर्रा स्थित राईस मिलों द्वारा प्रदाय किया गया है जोकि निर्धारित मापदण्ड के विपरित ज्यादा ब्रोकन मिला हुआ पाया गया। कथित राईस मिलर्स भाजपा से जुडे हुये और राईस मिल के संगठन के पदाधिकारी भी है।

सुरभि राईस मिल इंडस्टीज गर्रा द्वारा 35 प्रतिशत टूट युक्त चावल प्रदाय किया गया था जिसके कारण प्रदाय किये गये 540 बोरा चांवल का स्टाक रद्द कर दिया गया और वहीं तिरूपति राईस इंडस्टीज द्वारा भी 33.8 प्रतिशत टूट युक्त चावल प्रदाय किया गया था उसका भी लाठ निरस्तर करते हुये लाठ निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई।

यह उल्लेखनीय है की मांझापूर गोदाम जिसमें चांवल संग्रहित किया गया उसका प्रभार नैनसुख मण्डलोई गुणवत्ता निरीक्षक के प्रभार में है जिनके विरूद्ध इसके पूर्व में वर्ष 2014-15 के दौरान विदिशा जिले में भेजी गई रेलवे रैंक में जो चांवल भेजा गया था वह पूरा का पूरा अमानक स्तर का पाया गया जिसे जांच के पश्चात रिजेक्ट कर दिया गया था और व्यापारियों को चावल का स्टाक बदलकर देने के निर्देश दिये गये थे उस सिलसिले में मण्डलोई सहित 5 अन्य गुणवत्ता निरीक्षकों के विरूद्ध प्रशासनिक कार्यवाही करने के निर्देश महाप्रबंधक उपार्जन द्वारा 21/8/2015 को दिये गये थे लेकिन कोई कार्यवाही ना किये जाने से अमानक स्तर का चावल खरीदने को गौरखधंधा इस वर्ष भी चालू हो गया है व्यापारिक सूत्रों के अनुसार 400 बोरी के 1 लाट को पास करवाने के लिये 6000 रूपये की चडौत्तरी देनी पडती है तब जाकर लाठ स्वीकृत किया जाता है अन्यथा अमानक बताकर लाठ निरस्त कर दिया जाता है।

यह भी उल्लेखनीय है कि अमानक स्तर का चावल खरीदने के संबंध में मध्यप्रदेश उच्च न्यायायल में वरिष्ठ  पत्रकार श्री आनंद ताम्रकार द्वारा याचिका क्रमांक 21268 प्रस्तुत की गई थी जिसमें राज्य सरकार, नागरिक आपूर्ति निगम और जिला प्रबंधक बालाघाट सहित कलेक्टर बालाघाट को पक्षकार बनाया गया था उक्त याचिका में कलेक्टर बालाघाट को 2 माह के अंदर गुणवत्ताहीन चांवल खरीदे जाने के संबंध में जांच प्रतिवेदन एवं भविष्य में गुणंवत्तायुक्त चावल खरीदने की समूचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये थे लेकिन माननीय न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों को ताक में रखकर अमानक स्तर का चांवल खरीदी का सिलसिला फिर चालू हो गया।

गुणवत्ताहीन चावल खरीदने की यह कवायद केवल बालाघाट ही नही समूचे प्रदेश में की जा रही है  जिसके लिये जिला स्तर से लेकर संभाग और प्रदेश के मुख्यालय मे पदस्था अधिकारियो को व्यापारियों द्वारा दिये जाने वाले कमीशन का हिस्सा पहुचाया जाता है। गुणवत्ताहीन चांवल खरीदने के कारण आंगन बाडियों, माध्यन्न भोजन और उपभोक्ताओं को अमानक स्तर को चावल खाना पड रहा है जिसके कारण कूपोषण भी फैल रहा है।

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