नई दिल्ली। सामान्यत: बिजली कंपनियां पुराने मकान मालिक का बकाया बिल, नए मालिक या किराएदार से वसूल करतीं हैं। मना करने पर कनेक्शन काट देतीं हैं लेकिन गुडगांव में जिला उपभोक्ता फोरम ने स्पष्ट किया है कि पुराने मकान मालिक का बकाया बिजली बिल नए मालिक से वसूल करना गलत है। इस आदेश के लिए फोरम ने 37,772 रुपये का बकाया बिल निरस्त कर दिया है। इसके अलावा शिकायतकर्ता को 5500 रुपये क्षतिपूर्ति तथा 2200 रुपये वाद खर्च अदा करने के भी आदेश दिए हैं।
शहर के आदर्श नगर, भाड़ावास रोड निवासी पुरुषोत्तम लाल के पास 24 दिसंबर 2013 को भेजे गए बिजली के बिल में विभाग ने 37,772 रुपये सनडरी चार्ज के रूप में भेज दिए थे। जानकारी मांगने पर पता चला कि बिजली बिल में भेजी गई यह राशि पुराने मकान मालिक बृजमोहन के बिल की बकाया राशि है। पुरूषोत्तम ने पुराने मकान मालिक की राशि को जमा कराने से स्पष्ट मना कर दिया तथा उपभोक्ता फोरम में मामला डाल दिया।
पुरूषोतम ने बिल की इस राशि को चुनौती देते हुए जिला फोरम में इसे निरस्त कराने की याचिका दायर की। जिसमें मांग की गई थी, कि विभाग पुराने मालिक की बकाया राशी नये मालिक के बिल में जोड़ कर नहीं मांग सकता। इस पर जिला फोरम के सदस्य कपिल देव शर्मा व सरोज बाला ने अपने निर्णय में कहा कि विभाग किसी भी बकाया राशि की सूरत में नया कनेक्शन जारी नहीं कर सकता, लेकिन विभाग ने बकाया राशि होते हुए भी उक्त मकान पर नया कनेक्शन जारी किया। यह गलती विभाग की है। बाद में विभाग ने नए बिल में यह रिकवरी डाल दी जो सरासर गलत है। फोरम ने अपने फैसले में यह राशि निरस्त करने के साथ ही उपभोक्ता को मुआवजा राशि देने के आदेश भी दिये हैं।