इस मंदिर की परिक्रमा से लकवा (Paralysis) ठीक हो सकता है

राजस्थान की धरती के इतिहास में चमत्कारों के अनेक उदाहरण भरे पड़े हैं| आस्था रखने वाले के लिए आज भी अनेक चमत्कार के उदाहरण मिलते हैं, जिसके सामने विज्ञान भी नतमस्तक है| ऐसा ही उदाहरण नागौर के 40 किलोमीटर दूर स्तिथ ग्राम बुटाटी में देखने को मिलता है। लोगों का मानना है कि चतुरदास जी महाराज के मंदिर में लकवे से पीड़ित मरीज का राहत मिलती है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि भूमि के इस भाग का गुरुत्वाकर्षण आसपास की जमीन से अलग है। शायद इसलिए कुछ प्रभाव मनुष्य के शरीर पर पड़ता होगा। विज्ञान हो या चमत्कार लेकिन लोगों को आराम मिल रहा है और वो परिक्रमा लगा रहे हैं। 

वर्षों पूर्व हुई बीमारी का भी काफी हद तक इलाज होता है। यहाँ कोई पण्डित महाराज या हकीम नहीं होता ना ही कोई दवाई लगाकर इलाज किया जाता। यहाँ मरीज को उसी के परिजन नियमित लगातार 7 मन्दिर की परिक्रमा लगवाते हैं| हवन कुण्ड की भभूति लगाते हैं और बीमारी धीरे-धीरे अपना प्रभाव कम कर देती है| शरीर के अंग जो हिलते डुलते नहीं हैं वह धीरे-धीरे काम करने लगते हैं। लकवे से पीड़ित जिस व्यक्ति की आवाज बन्द हो जाती वह भी धीरे-धीरे बोलने लगता है।

यहाँ अनेक मरीज मिले जो डॉक्टरो से इलाज करवाने के बाद निराश हो गए थे लेकिन उन मरीजों को यहाँ काफी हद तक राहत मिली है। देश के विभिन्न प्रान्तों से मरीज यहाँ आते हैं और यहाँ रहने व परिक्रमा देने के बाद लकवे की बीमारी आश्चर्यजनक राहत मिलती है। मरीजों और उसके परिजनों के रहने व खाने की नि:शुल्क व्यवस्था होती है।

दान में आने वाला रुपया मन्दिर के विकास में लगाया जाता है। पूजा करने वाले पुजारी को ट्रस्ट द्वारा वेतन मिलती है। इसलिए वो ना तो दक्षिणा की मांग करते हैं और ना ही आपको इसकी आवश्यकता है। मंदिर के आस-पास फेले परिसर में सैकड़ों मरीज दिखाई देते हैं, जिनके चेहरे पर आस्था की करुणा जलकती है। संत चतुरदास जी महारज की कृपा का मुक्त कण्ठ प्रशंसा करते दिखाई देते। | Nagaur | Rajasthan | Miracle | Chatur Dasji Maharaj | temple | Paralysis | relief | treatment | 
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