
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस श्रीमती अंजुली पालो की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान मूल जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि साहनी पूर्व में मध्यप्रदेश राज्य नियामय आयोग में चेयरमैन रह चुके हैं।
नियमानुसार पांच वर्ष की अवधि तक दूसरा संबंधित विभाग धारित नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद नियम के विपरीत नियुक्ति दी गई। सोमवार को इसी सिलसिले में इंदौर निवासी भानु जैन की ओर से अन्य याचिका प्रस्तुत कर दी गई। हाईकोर्ट ने दोनों को एक साथ जोड़कर सुनवाई की व्यवस्था देते हुए राज्य से जवाब मांग लिया।