व्यापमं घोटाला: सांसद पटेल ने भी शिवराज सिंह को कमजोर शासक करार दिया

भोपाल। भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के बाद अब सांसद प्रहलाद पटेल ने भी सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक कमजोर मुख्यमंत्री करार दिया है। पटेल ने व्यापमं की बात की है। उनका कहना है कि सिर्फ फर्जी एडमिशन रद्द कर देना पूरा न्याय नहीं है। उनकी भरपाई कौन करेगा जिनका हक मारा गया और उनको सजा कब दी जाएगी जिन्होंने मेडिकल सीट खरीदने वालों से रिश्वत ली। 

बता दें कि मप्र में मेडिकल की एक सीट के लिए 1 करोड़ रुपए तक की रिश्वत दी गई है। इसका खुलासा होने के बाद भी व्यापमं घोटाले को लेकर हंगामा खड़ा हुआ और आरोप लगे कि सबूत मिटाने के लिए हत्याएं कराई जा रहीं हैं। 

व्यापमं घोटाले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने शुक्रवार को एक बार फिर ट्वीट किया है। गुरुवार के तीन ट्वीट को आगे बढ़ाते हुए BJP सांसद ने शुक्रवार को फिर 5 ट्वीट किए। एक दिन पहले जो बात प्रहलाद पटेल ने इशारों में कही थी, उस पर खुलकर बोले। उन्होंने कहा जिन लोगों ने रिश्वत ली और जिन्होंने प्रेरित किया उनको सजा कब मिलेगी? उन्हें सजा मिलेगी तब न्याय मिलेगा।

पटेल ने कहा कि मुझे व्यापमं पर ट्वीट करने का आशय पूछा गया था। सत्ता परिवर्तन के ढेरों आशय होंगे, लेकिन व्यवस्था परिवर्तन के लिए मेरा आशय साफ है। उन्होंने अगले ट्वीट में कहा कि, जिन्होंने रिश्वत दी उनको सजा मिली लेकिन जिनने रिश्वत ली, उन्हें सजा कब मिलेगी? पटेल ने पहले ट्वीट में यह भी कहा कि जिन योग्य प्रतिभागियों का हक मारा गया उन्हें क्या मिला?

इससे पहले प्रहलाद पटेल ने गुरुवार को ट्वीट किया था
पटेल ने गुरुवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। इसमें उन्होंने कहा कि व्यापमं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर न खुश हो सकते हैं और न ही दुख व्यक्त किया जा सकता है। अभी भी वास्तविक अपराधियों को सजा मिलने का इंतजार है। इस ट्वीट के पहले भी प्रहलाद पटेल ने दो ट्वीट किए। इस ट्वीट पर भाजपा ने सीधे तौर पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया, जबकि कांग्रेस ने मौका लपकते हुए प्रहलाद पटेल को जीवंत नेता करार दे दिया।

पटेल ने ट्वीट में यह भी लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला हमारी प्रशासनिक कार्रवाईयों एवं राजनीतिक इच्छा शक्ति की समीक्षा के लिए मजबूर करता है क्योंकि इससे चिकित्सा क्षेत्र की तीन पीढ़ियां प्रभावित हुई हैं। इसकी भरपाई पर मप्र के सभी लोगों को विचार करना होगा। 

कैलाश और बाबूलाल ने क्या कहा था
भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी कहा था कि मप्र में अफसरशाही बेलगाम हो गई है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा था कि दोष घोड़े का नहीं घुड़सवार का होता है। बाबूलाल गौर को असमय ही 75प्लस की फर्जी पॉलिसी बताकर मंत्री पद से हटा दिया गया। कैलाश विजयवर्गीय खुद अपना मंत्री पद छोड़कर संगठन का काम करने चले गए। 
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