व्यापमं घोटाला: संदिग्ध मौतों के बाद अब मानसिक रोगी

ग्वालियर। रहस्यमयी व्यापमं घोटाला फिर से सुर्ख होता जा रहा है। सीबीआई उसकी पर्तें खोल रही है। जब एसआईटी इस तरह की जांच प्रक्रिया में पहुंची थी तब आरोपियों की संदिग्ध मौतें हुईं थीं। इस बार ऐसा तो नहीं हुआ परंतु अब तक पूरी तरह से स्वस्थ रहा एक व्यापमं आरोपी खुद को मानसिक रोगी बता रहा है। कोर्ट ने आरोपी के अधिवक्ता को आदेश दिया कि उसका मानसिक परीक्षण कराकर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करें। इस परीक्षण के लिए सिविल सर्जन को मनोचिकित्सक उपलब्ध कराना होगा।

वर्ष 2011 में साइंस कॉलेज में गुरुजी (संविदा शिक्षक) की परीक्षा आयोजित हुई थी। राघुराम सिंह का सेंटर भी साइंस कॉलेज में पड़ा था। उसने अपनी जगह सॉल्वर के रूप में परीक्षा देने के लिए अपने बेटे सत्येन्द्र सिंह को भेजा, लेकिन वह सेंटर पर नकल करते हुए पकड़ गया। झांसी रोड पुलिस ने नकल का प्रकरण दर्ज किया। जब व्यापमं कांड की जांच सीबीआई को हैंडओवर हुई तो यह केस भी सुपुर्द किया गया। सीबीआई ने इस मामले की अतिरिक्त जांच की। सत्येन्द्र व उसके पिता रघुराम पर धाराएं बढ़ाईं। सॉल्वर बिठाकर परीक्षा पास करने के आरोप में चालान पेश किया। इस केस की ट्रायल विशेष सत्र न्यायालय में चल रही है। 

आरोपी सतेन्द्र ने आवेदन पेश करके खुद को मानसिक रोगी बताया है। अपने आवेदन में बताया कि उसे कोर्ट की कोई कार्रवाई समझ में नहीं आ रही है। इस आवेदन के जवाब में सीबीआई के अधिवक्ता सौरव वर्मा ने कोर्ट को बताया कि आरोपी ट्रायल से बचना चाहता है। इसलिए मानसिक रोगी होने का बहाना बना रहा है। कोर्ट ने आरोपी के अधिवक्ता को आदेश दिया है कि सतेन्द्र को अपने साथ लेकर मनोचिकित्सक के पास जाएं और रिपोर्ट अगले माह कोर्ट में पेश करें।
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