
अन्य देशों में भी आऊटसोर्सिंग का चलन
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि आऊटसोर्सिंग का चलन न केवल भारतवर्ष बल्कि अन्य देशों में भी है। राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि जल वाहकों की नियुक्ति महज स्कूलों में पानी ढोने के लिए नहीं की गई थी बल्कि गरीब से गरीब व्यक्ति को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल में पानी का नल है लेकिन जल वाहकों की नीति को लेकर हमारी सरकार का विश्वास गरीबों, विधवाओं, दिव्यांगजनों को रोजगार प्रदान करने पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार आऊटसोर्स कर्मियों की शिकायतों को लेकर गम्भीर है और निश्चित तौर पर इनका समाधान करेगी।
कर्मचारी राज्य सरकार की रीढ़
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊपर से नीचे तक कर्मचारी राज्य सरकार की रीढ़ है और नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते करते हैं। सरकार कर्मचारियों को समय-समय पर उनका देय हिस्सा तथा वित्तीय लाभ प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आज हिमाचल विकसित पहाड़ी राज्य का मॉडल है और कर्मचारियों के कठिन परिश्रम के कारण यह संभव हो पाया है। राज्य के अस्तित्व में आने के दौरान हिमाचल में मुश्किल से कोई सड़क और बिजली थी लेकिन समय के साथ आज राज्य में लगभग 37000 किलोमीटर लम्बी सड़कें हैं और प्रत्येक घर में बिजली सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 651 रुपए थी जो अब 1,30,067 रुपए तक पहुंच गई है, जो हिमाचल प्रदेश में विकास की व्यापकता को दर्शाता है।
राहुल गांधी के समक्ष उठाई थी मांग: विक्रमादित्य
राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने इस अवसर पर कहा कि आऊटसोर्स कर्मियों के नियमितिकरण के लिए नीति बनाने की मांग वर्तमान सरकार के 4 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर धर्मशाला में आयोजित रैली में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष उठाई गई थी। मुख्यमंत्री पहले ही आऊटसोर्स कर्मियों के लिए अनुबंध नीति तैयार करने पर विचार कर रहे थे। आऊटसोर्स कर्मियों के लिए नीति तैयार कर हिमाचल प्रदेश देश का अनुकरणीय (रोल मॉडल) बनेगा। उन्होंने इन कर्मियों को अनुबन्ध नीति के अन्तर्गत लाने के उपरान्त अनुबंध अवधि को कम कर 3 वर्ष करने की मांग का भी समर्थन किया।
राजनीतिक विचारधारा को लेकर भाजपा के साथ भिन्नता
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा के साथ राजनीतिक विचारधारा को लेकर भिन्नता है लेकिन केंद्र में उनकी ओर से कर्मचारियों के हित के लिए सकारात्मक कदम का हमेशा ही स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक अध्यापकों के लिए नीति हालांकि यू.पी.ए. सरकार की सोच थी, जिसे एन.डी.ए. सरकार ने जारी रखा, जिसके लिए उसकी सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा ने हमेशा ही क्षेत्रीय राजनीति में विश्वास किया है। हमें उनके इन मंसूबों के प्रति सचेत रहना चाहिए। इस मौके पर अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एवं राज्य इंटक के अध्यक्ष हरदीप वाबा तथा राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एस.एस. जोगटा ने भी अपने विचार प्रकट किए।
16 वर्षों से सेवाएं दे रहे आऊटसोर्स कर्मचारी: धीरज चौहान
हिमाचल प्रदेश आऊटसोर्स कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष धीरज चौहान ने भी इस अवसर पर आऊटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने के मामले को उठाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आऊटसोर्स कर्मचारी गत 16 वर्षों से राज्य सरकार के सभी विभागों, बोर्डों तथा निगमों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे आऊटसोर्स कर्मचारियों को उनके संबंधित विभाग में ही नियमित करने का आग्रह किया। संघ ने आऊटसोर्स कर्मचारियों को राज्य सरकार की अनुबंधित नीति के दायरे में लाने तथा सरकारी नौकरियों में नियमित होने से पूर्व 3 वर्ष का अनुबंधित कार्यकाल रखने का आग्रह किया।