वसुंधरा सरकार के खिलाफ राजस्थान में होमगार्डों का आमरण अनशन: 6वां दिन, 7 कर्मचारी गंभीर

नईदिल्ली। राजस्थान में नियमितीकरण समेत 3 प्रमुख मांगों को लेकर आमरण अनशन पर डटे होमगार्ड कर्मचारी महासंघ के 7 कर्मचारी कार्यकर्ताओं की हालत गंभीर हो गई है। डॉक्टरों ने उन्हे सवाईमान सिंह अस्पताल रिफर किया है। अभी तक सरकार की ओर से लिखित आश्वासन नहीं आया है और होमगार्ड बिना लिखित आवश्वासन के अनशन तोड़ने को तैयार नहीं हैं। 

राजस्थान होमगार्ड पिछले सप्ताह मंगलवार को महापड़ाव के दूसरे दिन प्रदर्शन करते हुए सीएम हाउस की ओर कूच करने लगे थे। इस दौरान उन्हें रोकने में पुलिस के पसीने छूट गए। वे प्रदर्शन करते हुए 22 पुलिया के पास तक आ पहुंचे। पुलिस ने स्थिति बिगड़ती देख उन पर लाठीचार्ज कर दिया और 22 गोदाम पुलिया से वापस पीछे खदेड़ दिया। इसके बाद होमगार्ड वापस धरना स्थल की और लौट गए, जहां वे विधानसभा के पास टी प्वाइंट पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

इन तीन मांगों को लेकर महापड़ाव
होमगार्ड कर्मचारी महासंघ का कहना है कि होमगार्डों को नियमित किया जाए और साल 2009 में जिन 500 होमगार्डों का हटाया गया है उन्हें समायोजित किया जाए। इसके अलावा नौकरी में 55 व 60 साल की आयु सीमा को बढ़ाया जाए। इन तीन विशेष मांगों को लेकर धरना दिया जा रहा है। अगर सरकार का लिखित जवाब नहीं आता है तो प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।

सरकार से अब तक कोरा आश्वासन
होमगार्ड कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार सरकार को अपनी मांगों को लेकर अवगत कराया, लेकिन इसके बावजूद भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हर बार सरकार कोरा आश्वासन देती रही है। इसके कारण उन्हें यहां महापड़ाव डालना पड़ा और अब बिना लिखित आश्वासन के वो यहां से नहीं हटेंगे।

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