एजुकेटेड लड़कियां जो शादी से पहले सेक्स करने की जुर्रत करती हैं, उन्हें खुद ही अपने फैसले की जिम्मेदारी लेनी होगी। यह बात बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कही है। हाईकोर्ट की जज ने कहा कि हर शादी का वादा रेप के लिए झांसा नहीं माना जाएगा। यह फैसला जस्टिस मृदुला भटकर ने एक लड़की के अपने एक्स-बॉयफ्रेंड पर रेप का मामला दर्ज करने पर दिया है। उन्होंने कहा कि जो लड़किया पढ़ी-लिखी हैं उन्हें अपने अच्छे-बुरे का ज्ञान होना चाहिए। शादी से पहले सेक्स के बाद अपने एक्स-बॉयफ्रेंड को रेपिस्ट नहीं ठहरा सकतीं।
जस्टिस भटकर ने कहा, “रजामंद करने में बहलाना-फुसलमाना एक अचूक हथियार हो सकता है। लेकिन इस मामले में कुछ जरूरी तथ्य होने चाहिए जिसमें यह साबित हो कि लड़की को लड़के ने इस हद तक बहलाया-फुसलाया कि वह उसके करीब आने के लिए तैयार हो गई। इस तरह के मामले में शादी का वादा किसी भी तरह का फ्रॉड नहीं माना जा सकता।”
जस्टिस मृदुला भटकर ने प्री-मैरिटल सेक्स को लेकर भी कठोर बयान दिए। उन्होंने कहा कि शादी से पहले सेक्स समाज में एक टैबू की तरह है। हालांकि, जब समाज में बराबरी और आजादी की बात चल रही है। लड़किया आजाद ख्याल को अपना रही हैं तब उन्हें अपने बॉयफ्रेंड पर सेक्स के बाद रेप के आरोप लगाना कतई सही नहीं है। क्योंकि, रिलेशनशिप में दोनों एक दूसरे की रजामंदी से रहते हैं।