UP: भाजपा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में दलबदलुओं की भरमार

UP ELECTION NEWS/आनन्द राय/लखनऊ। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली बहुप्रतीक्षित सूची जारी की तो उसके बनाए कई मानदंड टूटते दिखे। दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल कराते समय कार्यकर्ताओं के असंतोष के मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना था कि टिकट देने की कोई शर्त नहीं है। बाहर से आए लोगों को अधिकतम 30 सीटें दी जाएंगी लेकिन, पहली ही सूची में दलबदलू यह आंकड़ा पार करते नजर आए। यह अलग बात है कि 2012 के चुनाव में खम ठोंकने वाले कई पुराने उम्मीदवारों को भी पार्टी ने मौका दिया है।

भाजपा की पहली सूची बुनियादी कार्यकर्ताओं के उत्साह पर भारी पड़ी है। बनारस और लखनऊ के भाजपा विधायक पहली सूची में स्थान पाने से वंचित रह गए हैं। मेरठ के विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल और नोएडा की विमला बाथम का नाम भी पहली सूची में नहीं आया है। मेरठ दक्षिण के विधायक रवीन्द्र भड़ाना का टिकट काटकर युवा नेता सौमेन्द्र तोमर को दिया गया है। दंगे के आरोपी विधायक सुरेश राणा थाना भवन और संगीत सोम सरधना से अपना टिकट बचाने में कामयाब रहे।

बाहरी विधायकों और नेताओं पर दांव
भाजपा ने दो दर्जन से ज्यादा दूसरे दलों के नेताओं और विधायकों पर दांव लगाया है। बेहट में बसपा से आए विधायक महावीर राणा, नकुड़ में धर्म सिंह सैनी, नहटौर सु. में ओम कुमार, तिलहर से रोशन लाल वर्मा, धौरहरा में बाला प्रसाद अवस्थी, पलिया में रोमी साहनी, गंगोह में कांग्रेस से आए विधायक प्रदीप चौधरी, बरौली में रालोद से आए दलवीर सिंह और बलदेव सुरक्षित के विधायक पूरन प्रकाश जैसे विधायकों को दल बदलने का इनाम मिल गया है।

वहीं बसपा से आईं पूर्व मंत्री ओमवती देवी, किठौर में रालोद से आए सत्यवीर त्यागी, बागपत में योगेश धामा, मुरादनगर सपा से आए पूर्व मंत्री राजपाल त्यागी के पुत्र अजीतपाल त्यागी, धौलाना में कांग्रेस से आए रमेश तोमर और गोला गोकर्णनाथ में पूर्व विधायक अरविन्द गिरी, शिकारपुर में बसपा से आए अनिल शर्मा, छाता में बसपा से आए पूर्व मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण और शिकोहाबाद में डॉ. मुकेश वर्मा को टिकट दिया है। अमापुर से 2012 में बसपा से जीते ममतेश शाक्य को भाजपा ने पटियाली से मौका दिया है।

सपा का टिकट ठुकराने का इनाम
सपा का टिकट लौटाने वाली हेमलता दिवाकर को आगरा ग्रामीण और पूर्व मंत्री महेन्द्र अरिदमन सिंह की पत्नी पक्षालिका सिंह को बाह से भाजपा ने टिकट देकर उन्हें पुरस्कृत किया है। पक्षालिका को खैरागढ़ में सपा ने उम्मीदवार घोषित किया था। बाहर से आये विधायकों में आगरा के फतेहाबाद में छोटेलाल वर्मा की जगह जितेन्द्र वर्मा को मैदान में उतारा है।

पूर्व सांसदों पर दांव
भाजपा ने पूर्व सांसदों पर भी दांव लगाया है। पूर्व सांसद और क्रिकेटर रहे चेतन चौहान को नौगांव सादात, धौलाना से रमेश तोमर और मीरापुर में अवतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा है।

पुराने योद्धाओं पर भरोसा
पार्टी के पुराने योद्धाओं को भी मौका दिया गया है। दूसरे स्थान पर रहे नजीबाबाद के राजीव कुमार अग्रवाल, मुरादाबाद नगर के रीतेश गुप्ता, कुंदरकी में रामवीर सिंह, चंदासी में गुलाब देवी, स्वार में लक्ष्मी सैनी, गाजियाबाद में अतुल गर्ग, बदायूं में महेश गुप्ता, बहेड़ी में छत्रपाल गंगवार, मीरगंज में डा. डीसी वर्मा, फरीदपुर में श्याम बिहारी, पूरनपुर में बाबूराम पासवान, भोजीपुर में तीसरे पर रहे बहोरन लाल मौर्य और बुढ़ाना में पिछली बार चौथे स्थान पर रहे उमेश मलिक और श्रीनगर में मंजू त्यागी जैसे पार्टी नेताओं को दोबारा मौका मिला है।

स्वामी प्रसाद मौर्य को झटका
बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को पहली ही सूची में झटका लगा है। वह अपने कई चहेतों के लिए इन क्षेत्रों में दावेदारी कर रहे थे। चहेतों की बात तो दूर पिछली बार अलीगंज से बसपा के टिकट पर लड़ी उनकी पुत्री डॉ. संघमित्रा को भी मौका नहीं मिला है।

कल्याण सिंह के चहेतों को तरजीह
भाजपा ने कल्याण सिंह के चहेतों को भी खूब तरजीह दी है। कल्याण सिंह की बनाई जनक्रांति पार्टी से 2012 का चुनाव लड़ने वाले देवेन्द्र सिंह लोधी कासगंज, देवेन्द्र प्रताप सिंह अमापुर और वीरेन्द्र वर्मा मारहरा से टिकट पाने में कामयाब रहे।

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