
CM के लिए अखिलेश पसंद है
सर्वे में 65 विधानसभाओं के 322 बूथ और 6,481 मतदाताओं को शामिल किया गया। ये सर्वे 17 जनवरी से 25 जनवरी के बीच किए गए। सर्वे में सामने आया कि अखिलेश की लोकप्रयिता में 2 फीसदी की कमी आई है। बताया गया कि दिसंबर में सर्वे के दौरान अखिलेश 28 फीसदी लोकप्रिय थे लेकिन जनवरी में इनकी लोकप्रियता सिर्फ 26 फीसदी तक सिमट गई। हालांकि जब यह सवाल पूछा गया कि राजनाथ सिंह, मायावती और अखिलेश में से किसको मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं तो इसमें 26 फीसदी लोग अखिलेश, 21 मायावती और 3 फीसदी लोग राजनाथ के साथ हैं।
यादव और मुसलमान सपा के साथ
सपा और कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल पर 37 फीसदी ने इसे फायदेमंद बताया और 20 फीसदी ने इसे गलत माना। सर्वे में यह बात सामने आई है कि सपा के पक्ष में 74 फीसदी बसपा 11, और 11 फीसदी भाजपा के पक्ष में मुस्लिम हैं। यादवों के मामले में सपा ने बाजी मार ली है। सर्वे में बात सामने आई है कि 73 फीसदी सपा, 12 फीसदी भाजपा, और 5 फीसदी यादव बसपा के साथ है।
नहीं चला भाजपा का दलित ऐजेंडा
अन्य दलितों के मामले में बसपा ने बाजी मारी है। सर्वे के अनुसार 21 फीसदी सपा 24 फीसदी भाजपा और 47 फीसदी अन्य दलित बसपा के साथ है। जाटव की बात करें तो इसमें 8 फीसदी सपा, 10 भाजपा और 79 फीसदी बसपा के साथ है। वहीं 20 फीसदी सपा, 34 फीसदी भाजपा और 16 फीसदी अन्य ओबीसी बसपा के साथ है। वहीं सवर्ण मतों की बात करें तो 59 फीसदी भाजपा, 21 फीसदी सपा, 8 फीसदी बसपा के साथ हैं।
बुआ के समर्थन से बनेगी भतीजे की सरकार
सर्वे में यह बात भी सामने आई पूर्वी उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस का वोट-शोयर सबसे आगे है। सर्वे के मुताबिक पूर्वांचल की 142 सीटों में सपा-कांग्रेस के गठबंधन को 33 फीसदी, भाजपा को 27 और बसपा को 22 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं। वहीं रुहेलखंड पश्चिम यूपी की 96 सीटों पर 18 फीसदी बसपा, 30 फीसदी भाजपा और 37 फीसदी वोट सपा-कांग्रेस के गठबंधन को मिलेगा। सर्वे के मुताबिक कुल सीट 403 पर 35 फीसदी वोट सपा, 29 फीसदी भाजपा और 23 फीसदी बसपा को मिलने के आसार हैं। सीटों के मामले पर सर्वे में बात सामने आई कि सपा कांग्रेस के गठबंधन को 187-197 , भाजपा को 118-128 और बसपा को 76-86 सीटें मिलने की संभावना है।