RSS को NEW DELHI में जमीनें देने MODI GOVT फैसला पलटेगी

NEW DELHI | अटल बिहारी सरकार ने आरएसएस से जुड़े संगठनों को दिल्ली में जमीनें आवंटित की थीं। आवंटन में गड़बड़ी की शिकायत हुई। यूपीए सरकार बनी तो शिकायत के आधार पर आवंदन रद्द कर दिया गया। अब मोदी सरकार यूपीए फर्स्ट के फैसले को बदलकर वापस सभी आवंटन बहाल करेगी। इससे 29 सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों को फायदा मिलेगा। जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध हैं। 

सूत्रों के मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले से जिन संगठनों को जमीनें वापस मिलने वाली हैं उनमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मृति न्यास, विश्व संवाद केंद्र, धर्म यात्रा महासंघ और वनवासी कल्याण परिषद प्रमुख हैं। इन संगठनों को जमीनें आवंटित करने के फैसले को केंद्रीय मंत्रिमंडल अपनी मंजूरी दे चुका है। इसके बाद अब केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय दिल्ली उच्च न्यायालय में अर्जी लगाने जा रहा है। इसमें अदालत से अावंटन रद्द किए जाने के फैसले को खारिज करने की अनुमति मांगी जाएगी।

2000-01 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इन संगठनों को जमीनें आवंटित करने का फैसला किया था लेकिन यूपीए सरकार ने केंद्र की सत्ता संभालते ही इस फैसले को रद्द कर दिया था। उसका कहना था कि इन संगठनों को जमीन आवंटित करने में अनियमितता बरती गई है। इसके बाद 23 संगठनों ने इस फैसले काे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। लिहाजा, सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह अदालत को 10 साल पुराना फैसला बदले जाने के बारे में सूचना दे। इसके बाद आवंटन की कार्रवाई आगे बढ़ सकेगी।

सरकार के इस फैसले की खुद केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने पुष्टि की है। उन्होंने कहा है, ‘जैसे ही हमने सत्ता संभाली उन संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल हमसे आकर मिला जिनकी जमीनों का आवंटन रद्द किया गया था। उनके आग्रह पर हमने दो सेवानिवृत्त सचिवों की समिति बनाई जिसने पूरे मामले की जांच की। इसमें पाया गया कि आवंटन में कोई अनियमितता नहीं हुई थी, बल्कि उसे रद्द करने का फैसला भेदभाव के आधार पर लिया गया था. लिहाजा, हमने उस फैसले को रद्द करने का निर्णय लिया।

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