
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने करेंसी नोटों को बंद करने का फैसला किया था। रिजर्व बैंक ने यह बताने से भी इनकार कर दिया कि 8 नवंबर को उसके पास बंद किए गए कितने नोट थे। बैंक ने यह बताने से भी इनकार कर दिया कि नोटबंदी को लेकर क्या तैयारी की गई थी और उससे क्या प्रभाव पड़ सकते हैं। इस मामले को संवेदनशील मानते हुए देश की सुरक्षा के मद्देनजर गोपनीय बताया गया है।
इससे पहले आरबीआई कह चुकी है कि केंद्र सरकार ने सात नवंबर को भारतीय रिजर्व बैंक को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की सलाह दी थी। इसके महज एक दिन बाद रिजर्व बैंक के बोर्ड ने नोट बंद करने की सिफारिश कर दी।
आरबीआई के अनुसार सरकार की इस सलाह के बाद दूसरे दिन रिजर्व बैंक के बोर्ड की बैठक हुई। इस बैठक में विचार करने के बाद केंद्र सरकार को पुराने नोट रद करने की सिफारिश करने का फैसला किया गया। इसके कुछ ही घंटों के भीतर आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पुराने नोट बंद करने का फैसला किया गया। कुछ मंत्रियों ने कहा था कि सरकार ने सिर्फ आरबीआई के सिफारिश पर नोटबंदी का फैसला किया।