नई दिल्ली। अब मोदी सरकार नोटबंदी के कारण बैंकों में जमा हुए कैश को बैंक के लॉकर में ही जाम कर देना चाहती है। अत: एक नए टैक्स की प्लानिंग की जा रही है। आप इसे 'कैश टैक्स' कह सकते हैं। इसके तहत यदि आपने अपने खाते से कैश निकाला तो एक अतिरिक्त टैक्स भी अदा करना होगा।
सैद्धांतिक रूप से इस तरह का टैक्स लगाने की प्लानिंग हो चुकी है परंतु अभी यह तय नहीं किया जा सका है कि कितना केश निकालने पर कितना टैक्स लगेगा और क्या कुछ सीमा तय की जाएगी जो टैक्स फ्री हो। फाइनल डिसीजन पीएम नरेंद्र मोदी ही लेंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार नया टैक्स लगाने पर विचार कर रही है। सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोटबंद करने के बाद से डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक कैश टैक्स पर अभी विमर्श हो रहा है। बजट के साथ इसका ऐलान होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि इससे बैंकों की करेंसी ऑपरेशन की लागत में कमी आएगी और सरकार को मिलने वाले टैक्स में बढ़ोतरी होगी।
गौरतबल है कि जनवरी 2015 में ‘कॉस्ट ऑफ कैश इन इंडिया’ नाम से मास्टरकार्ड की तरफ से यह एक एजेंसी ने यह अध्ययन किया गया था। इसमें दावा किया गया था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और बैंकों के सालाना करेंसी ऑपरेशन की लागत 21 हजार करोड़ रुपए है।
नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से कहा गया है कि करंसी की कॉस्ट कम होने से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। सरकार का यह भी कहना है कि डिजिटल पेमेंट बढ़ने से टैक्स चोरी भी कम होगी।