सतना। योगगुरू बाबा रामदेव विशेष भाग्य लिखवाकर नहीं लाए थे। पतंजलि को स्टेबलिश करने के लिए उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया जो अद्भुत या चमत्कारी हो। बस सबकुछ सही समय पर किया और आज पतंजलि दुनिया भर में फैलता जा रहा है। ऐसा आप भी कर सकते हैं। कोई भी कर सकता है। बस समझदारी चाहिए। पीएचडी स्कॉलर पूजा पाण्डेय ने पतंजलि पर रिसर्च करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।
गोवा में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में सतना की पीएचडी स्कॉलर पूजा पाण्डेय ने पतंजलि कंपनी की सफलता पर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया और बताया कि आखिर कैसे पतंजलि ने इतने कम समय में ऐफएमसीजी मार्केट में पकड़ बना ली। पूजा पाण्डेय रिटेल इंडस्ट्री के लिए लंबे समय से इंटरनेशनल पेपर प्रस्तुत करती आईं है। साथ ही पूजा लीडरशीप और मोटिवेशन पर कॉलेजों में लेक्चर भी देती हैं। वर्तमान में वो कॅरियर कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट में अस्सिटेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है और साथ ही प्रोफेसर डॉ. कंचन भाटिया माखनलाल विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में रिटेल इंडस्ट्री की शोधार्थी हैं।
गौरतलब है कि पतंजलि का स्वदेशी अभियान 5000 करोड़ तक पहुंच गया है और इस कंपनी ने अगले साल 10,000 करोड़ से ज्यादा का लक्ष्य रखा है। यानी एक साल में 150 फीसदी तक बिजनेस को बढ़ाने का लक्ष्य है। एकदम निचले स्तर से शुरुआत कर बाजार में पहले से मौजूद कंपनियों को बड़ी टक्कर देना, वह भी बिना किसी नामी चेहरे के, बिजनेस में एक बड़ी सफलता गिनी जाएगी।
पूजा पाण्डेय ने " अ स्टडी ऑफ़ ब्रांड स्ट्रेटेजी एंड डिमांड इंक्लिनेशन ऑफ़ पतंजलि प्रोडक्ट्स इन इंडिया " गोवा में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इंजीनियरिंग साइन्स एंड मैनेजमेंट में प्रजेंटेशन दिया जिसमें उन्होंने बताया कि पतंजलि ने आखिर इतने कम समय में कैसी इस सफलता को हासिल किया। नए युग के उद्योगपतियों को बहुत बड़े इन्वेस्टमेंट की जरुरत नहीं वो छोटे से बिज़नस को भी एस्टेब्लिश कर सकते है इसके लिए उन्हें इन बातो का ध्यान रखना होगा।
सतत प्रयास करना होगा, बिजनेस की समझ और काम पर पकड़ पर ध्यान देना होगा। सही टाइमिंग, जैसे ही बाजार में किसी प्रोडक्ट की पकड़ कमजोर हो और ग्राहकों की डिमांड के मुताबिक अपने प्रोडक्ट को मार्किट में उतारो ये एक कुशल बिजनेसमैन की पहचान है।
भारतीय समाज आज भी भावनाओ से जुड़ा है और हमेशा रहेगा यही एक बिजनेसमैन को पता होना चाहिए की उनकी भावनाओ से जुड़े अपने प्रोडक्ट को देश और लोगो के हितो से जोड़कर दिखाए।
फ्री एक इस टर्म है जो होता कही नहीं दिखता जरूर है- यही पर कोई भी अपना सिक्का जमा सकता है जैसे की योग शिविरों में डायरेक्ट बातचीत के दौरान जिन्हें भी कोई बीमारी होती थी उन्हें उसी समय कोई न कोई फ्री प्रोडक्ट दिया गया जो की उनकी बीमारी को ध्यान में रखकर दिया गया लोगो को फ्री प्रोडक्ट दिखा पर एंट्री फीस को लोगो ने काउंट नही किया।
जब हम बात करते है इंटरनेशन प्रोडक्ट की, बहुत महंगे होते है ब्रांड नाम भी होता है साथ में, लेकिन जब कोई डोमेस्टिक ब्रांड इंटरनेशनल ब्रांड बन जाये और कम से कम कीमत पे मिल जाये किसी भी ग्राहक के लिए वो बेस्ट होता है - सबसे अच्छा-सबसे सस्ता।
सबसे महत्वपूर्ण अपने प्रोडक्ट और ग्राहकों को लेकर हमेशा ईमानदार रहे क्योंकि अगर आपको मार्किट में लंबे समय तक टिकना है आपको अपने ग्राहकों को बनाना होगा और प्रोडक्ट में समय समय पर बदलाव भी जरुरी है।