MODI @ DIASPORA CONFERENCE: हम पासपोर्ट का कलर नहीं खून का रिश्ता देखते हैं

NEW DELHI | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 14वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में कहा कि सभी भारतीयों की सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हम पासपोर्ट का कलर नहीं देखते हैं, खून का रिश्ता देखते हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय देश की विकास यात्रा में सहयात्री हैं। प्रवासी भारतीय जहां भी रहते हैं, उसे ही कर्मभूमि मानते हैं और वहां विकास के काम में योगदान देते हैं। प्रवासी भारतीयों ने देश की अर्थव्यवस्था में अमूल्य योगदान दिया है। हम प्रतिभा पलायन को प्रतिभा वापसी में बदलना चाहते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि हम बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में विदेश जाने वाले कामगारों के लिए अधिकतम सुविधा और न्यूनतम असुविधा सुनिश्चित करना चाहते हैं। देश के बाहर भारतीयों को अच्छे मौके मिलने इसी उद्देश्य से एक स्किल डिवलेपमेंट प्रोग्राम प्रवासी कौशल विकास योजना लॉन्च करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि आप सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं और विश्वास के साथ जाएं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 69 अरब डॉलर का योगदान दिया है। ये सर्वश्रेष्ठ भारतीय प्रकृति, संस्कृति और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

कर्नाटक के उद्योग मंत्री आर वी देशपांडे ने शनिवार को तीन दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कहा कि देश की 65 फीसदी आबादी 35 साल के नीचे होने के साथ ही यह युवा प्रवासियों के लिए मित्रता को प्रगाढ़ करने, देश की पुरानी परंपरा व समृद्ध संस्कृति की खोज करने और अपने लोकाचार की पहचान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

बेंगलुरु के इंटरनेशनल एक्जीबिशन सेंटर में आयोजित हो रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में दुनियाभर से 6000 से अधिक प्रवासी भारतीय हिस्सा ले रहे हैं। इस आयोजन का उद्देश्य विदेशों में रह रहे भारतीयों को दुनिया के विभिन्न भागों में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात का मौका मिल सके और वह संपर्क बना सके। इस प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत साल 2003 में वाजपेयी सरकार ने की थी।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सोमवार को प्रवासी भारतीय पुरस्कारों का वितरण करेंगे और समापन भाषण देंगे। पूर्ण अधिवेशन को विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर, केंद्रीय मानव संसाधान विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय रसायन-उर्वरक मंत्री एच एन अनंत कुमार और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कंठ भी संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में सात राज्यों के मुख्यमंत्री भी शिरकत करेंगे।

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