
नोशन प्रेस के सह.संस्थापक और सीईओ नवीन वलसाकुमार ने कहा कि हम लेखकों का वह दर्द महसूस करते हैं जिनका सामना वे अपनी किताबों को प्रकाशित कराने में करते हैं. इसके कारण हमने विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की जो किसी भी लेखक को प्रकाशन परामर्श मुहैया कराएंगे. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक मेले के जरिए हम अधिक संख्या में लेखकों तक पहुंचना चाहते हैं और उन्हें यह बताने में मदद करना चाहते हैं कि वे किस प्रकार अपनी किताबों का प्रकाशन करें.
नोशन प्रेस के सह.संस्थापक और सीटीओ भार्गव अदेपल्ली ने कहा कि अधिकतर लेखकों को यह जानकारी नहीं होती कि किताब बनने के पहले पांडुलिपि को कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं से गुजरना होता है. प्रकाशन के और लोकतांत्रिक होने के साथ ही हम अक्सर पाते हैं कि एक कामयाब लेखक और एक उभरते लेखक के बीच अंतर किताबों के व्यवसायिक पक्ष की समझ को लेकर है.
स्टॉल पर व्यक्तिगत परामर्श मुहैया कराने के साथ ही नोशन प्रेस का मकसद न सिर्फ लेखकों में जागरूकता पैदा करना है बल्कि उन्हें खुद प्रकाशित करने के विचार से अवगत कराना है. इससे लेखकों को प्रिंट और ई.बुक दोनों प्रारूपों में अपनी किताबों के प्रकाशन में आसानी होगी. नोशन प्रेस का स्टॉल प्रगति (97 से 100) मैदान के हॉल संख्या 18 में है. यहां लेखकों को अपनी प्रकाशित किताबों की बिक्री के लिए भी परामर्श दिए जाएंगे.